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Showing posts from June 8, 2019

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

Dayanand Sarasvati Biography। दयानंद सरस्वती की जीवनी और आर्यसमाज

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             : महर्षि दयानंद सरस्वती की जीवनी: दयानंद सरस्वती का जीवन--    हिन्दू धर्म मे व्याप्त बुराइयां 19वीं सदी के ब्रिटिश भारत मे दिखाईं देती थीं, इन्ही बुराइयों को बताकर ईसाई मिशनरियों ने धर्मांतरण का जरिया बना रखा था,इस बीच हिन्दू समाज मे सुधार के लिए स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना 1875 में बम्बई ने की थी,ये आंदोलन उस समय के अन्य समाज आंदोलनों से ज्यादा लोकप्रिय और भिन्न था।                 दयानंद सरस्वती   जी का जन्म 1824 में गुजरात के काठियावाड़ के मौरवी राज्य के औदिच्य ब्राम्हण परिवार में  महाशिवरात्रि के दिन  हुआ था, इनके पूर्वज लगभग एक हजार साल पूर्व मूलराज सोलंकी नामक गुजरात नरेश के शासन काल में उदीच् (उत्तर) दिशा से आकर गुजरात में बसे थे,उदीच् दिशा से आने के कारण इन ब्राम्हणो को औदिच्य कहा जाता है , इनकी माता का नाम अमृतबेन(अमूबा) था,कहीं कहीं माता का नाम यशोदा भी बताया जाता है ,इनके पिता वेदों के विद्वान और उन्होंने ही उनको वैदिक वांग्मय तथा न्याय दर...