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Showing posts from October 29, 2019

बहज (डीग, राजस्थान) उत्खनन: वैदिक काल के भौतिक प्रमाणों की खोज और सरस्वती नदी से जुड़ी एक प्राचीन सभ्यता

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 राजस्थान के डीग जिले के बहज  गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 10 जनवरी 2024 से लगभग 5 महीने तक खुदाई की गई। क्योंकि बताया गया था पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहां श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र वज्रनाथ ने पुनः एक व्रज नगरी बसाई थी और कई मंदिर और महल बनवाए थे। राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद् विजय गुप्ता के निर्देशन में खुदाई का कार्य किया गया। बहज नामक ये स्थल डीग कस्बे से पांच किलोमीटर दूर है और भरतपुर शहर से 37 किलोमीटर दूर वहीं मथुरा शहर से 23किलोमीटर दूर है। डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन के निष्कर्ष भारतीय पुरातत्व के लिए निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैदिक काल के संदर्भ में।     डीग जिले के बहज गांव में हुए उत्खनन में 3500 से 1000 ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिनमें एक महिला का कंकाल, चांदी और तांबे के सिक्के, हड्डी के औजार, अर्ध-कीमती पत्थरों के मनके, शंख की चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, 15 यज्ञ कुंड, ब्राह्मी लिपि की मोहरें और शिव-पार्वती की मूर्तियाँ...

Tamra pashan kaal| ताम्र पाषाण युग The Chalcolithic Age

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ताम्र पाषाण युग-  The Chalcolithic Age   नव पाषाण कालीन सभ्यता में उत्तरोत्तर विकास के बाद ताम्र पाषाण कालीन सभ्यता का विकास हुआ, इसका समय 5000 से 4000 साल पूर्व  था , इस सभ्यता में तांबे के हथियार सामान्यता प्रयोग में लाये गए , साथ मे कुछ पत्थर के हथियार भी प्रयोग में लाये जाते रहे , यद्यपि ताम्र पाषाण काल की अवधि बहुत ज्यादा नही थी जितनी आगे की सभ्यता लौह युग की परंतु इस सभ्यता के द्वारा किये जा रहे प्रयोगों से ही आगे की सभ्यता को नींव प्रदान की। ताम्र पाषाण काल के हथियार        ताम्र पाषाण युग---     जिस समय सिंधु सभ्यता अपने चरमोत्कर्ष पर थी  उस समय देश के अलग अलग भागों में तांबे को प्रयोग में लाने वाली कुछ कृषक बस्तियां तेजी से विकसित हो रहीं थीं, इन सभी बस्तियों में अपनी अपनी कुछ क्षेत्रीय विशेषतायें भी दिखतीं है,इसलिए क्षेत्रवार इन बस्तियों को अलग अलग स्थल नामों से जाना जाता है।      ताम्र पाषाण कालीन संस्कृति की कुछ सामान्य         विशेषतायें   पाई जातीं थी,ये अध...