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Showing posts from August 4, 2019

शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ

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  – शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ   प्रश्न : क्या ओपन इंटरेस्ट (OI) डेटा से किसी स्टॉक में इंट्राडे खरीदारी का सटीक संकेत उसी दिन सुबह या एक दिन पहले मिल सकता है? उत्तर है : हाँ, लेकिन कुछ शर्तों और विश्लेषण के साथ। 🔍 OI से इंट्राडे में संकेत कैसे मिलते हैं? ओपन इंटरेस्ट का उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग में सपोर्ट-रेजिस्टेंस, ब्रेकआउट, और ट्रेडर सेंटिमेंट को पकड़ने के लिए किया जाता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं: 📈 1. OI और प्राइस मूवमेंट का संयोजन Price OI Interpretation भाव बढ़े बढ़े नया पैसा आ रहा है, ट्रेंड मजबूत Bullish संकेत घटे बढ़े शॉर्ट बिल्ड-अप हो रहा है Bearish संकेत बढ़े घटे शॉर्ट कवरिंग हो रही है Bullish लेकिन अल्पकालिक घटे घटे लॉन्ग अनवाइंडिंग हो रही है Bearish लेकिन अल्पकालिक उदाहरण: अगर किसी स्टॉक में प्री-मार्केट या पहले 15 मिनट में तेजी है और साथ में OI बढ़ रहा है , तो इसका अर्थ है कि ट्रेडर नई लॉन्ग पोजिशन बना रहे हैं – इंट्राडे बाय का संकेत। ⏰ 2. OI का डे...

जर्मनी ka एकीकरण: Unification of Germany

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                     --जर्मनी का एकीकरण--      जर्मनी के एकीकरण से पहले ये देखतें है कि जर्मन देश का प्राचीन इतिहास क्या है , जब जर्मन के इतिहास को खंगालते है तो हमे मिलता है ये कि जर्मन शब्द की उत्पत्ति प्राचीन रोमन साम्राज्य के उत्तर में डेन्यूब नदी के उस पार (trans denube) रहने वाले  बर्बर क़बीले के देश को गेरमैनिया (germainiya)कहा जाता था  ,  ये  क़बीले   प्राचीन जर्मन   भाषा बोलते थे,  ये किसी जनजातीय धर्म पर विश्वास करते थे ,परंतु धीरे धीरे   यहाँ इसाईकरण हुआ, और ये पवित्र   रोमन  साम्राज्य  से जुड़ा ,जेरमैनिया नाम से ही जर्मनी (Germany) शब्द  अंग्रेजी  भाषा में बना। ये जनजातियां बाद में  खुद   को  दूसरी शताब्दी तक राइन नदी के मुहाँने में समेट लेती है, थोडा आगे बढ़तें है तो हमे सेसोनी  साम्राज्य में सम्राट ओटो प्रथम ने रोमन  साम्राज्य में इटली और जर्मनी को एक सूत्र में बांधा ,परंतु इतने बड़े  स...