Posts

Showing posts from December 30, 2025

Physics Wallah (PW) और अलख पाण्डेय की सफलता की कहानी: कम फीस में JEE-NEET की बेहतरीन तैयारी कैसे संभव हुई?

Image
  ​"सफलता रातों-रात नहीं मिलती, बल्कि यह सालों के कड़े संघर्ष और अटूट संकल्प का परिणाम होती है। आज जब हम भारतीय शिक्षा जगत में एक 'क्रांति' की बात करते हैं, तो हमारे सामने एक ऐसे शिक्षक का चेहरा आता है जिसने साइकिल से कोचिंग जाने से लेकर देश के सबसे बड़े एड-टेक (Ed-tech) साम्राज्य 'फिजिक्स वाला' के निर्माण तक का सफर तय किया। यह कहानी केवल एक शिक्षक की नहीं, बल्कि उस जिद की है जिसने शिक्षा को व्यापार से ऊपर उठाकर हर गरीब छात्र के लिए सुलभ बना दिया।यह महान कार्य इसलिए करने में सफल हुए क्योंकि अलखपांडेय ने गरीबी को नजदीक से देखा था।उन्होंने देखा कि कैसे एक गरीब और मध्यमवर्ग का बच्चा बड़े बड़े  कोचिंग संस्थाओं में एडमिशन उनकी ज्यादा फीस होने के कारण नहीं ले पाते वो होनहार मेधावी होते है पर कोचिंग करने के लिए उनके पास यथा अनुरूप पैसे नहीं होते।        अलख पांडे ने गरीब बच्चों को सस्ती और अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से ही अपना सफर शुरू किया था। उन्होंने बी.टेक इसलिए छोड़ी क्योंकि उनका मन पढ़ाई से ज्यादा पढ़ाने (टीचिंग) में लगता था और वह कॉलेज की पढ़ाई से संतु...

Physics Wallah (PW) और अलख पाण्डेय की सफलता की कहानी: कम फीस में JEE-NEET की बेहतरीन तैयारी कैसे संभव हुई?

Image
  ​"सफलता रातों-रात नहीं मिलती, बल्कि यह सालों के कड़े संघर्ष और अटूट संकल्प का परिणाम होती है। आज जब हम भारतीय शिक्षा जगत में एक 'क्रांति' की बात करते हैं, तो हमारे सामने एक ऐसे शिक्षक का चेहरा आता है जिसने साइकिल से कोचिंग जाने से लेकर देश के सबसे बड़े एड-टेक (Ed-tech) साम्राज्य 'फिजिक्स वाला' के निर्माण तक का सफर तय किया। यह कहानी केवल एक शिक्षक की नहीं, बल्कि उस जिद की है जिसने शिक्षा को व्यापार से ऊपर उठाकर हर गरीब छात्र के लिए सुलभ बना दिया।यह महान कार्य इसलिए करने में सफल हुए क्योंकि अलखपांडेय ने गरीबी को नजदीक से देखा था।उन्होंने देखा कि कैसे एक गरीब और मध्यमवर्ग का बच्चा बड़े बड़े  कोचिंग संस्थाओं में एडमिशन उनकी ज्यादा फीस होने के कारण नहीं ले पाते वो होनहार मेधावी होते है पर कोचिंग करने के लिए उनके पास यथा अनुरूप पैसे नहीं होते।        अलख पांडे ने गरीब बच्चों को सस्ती और अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से ही अपना सफर शुरू किया था। उन्होंने बी.टेक इसलिए छोड़ी क्योंकि उनका मन पढ़ाई से ज्यादा पढ़ाने (टीचिंग) में लगता था और वह कॉलेज की पढ़ाई से संतु...