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Showing posts from June 12, 2019

शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ

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  – शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ   प्रश्न : क्या ओपन इंटरेस्ट (OI) डेटा से किसी स्टॉक में इंट्राडे खरीदारी का सटीक संकेत उसी दिन सुबह या एक दिन पहले मिल सकता है? उत्तर है : हाँ, लेकिन कुछ शर्तों और विश्लेषण के साथ। 🔍 OI से इंट्राडे में संकेत कैसे मिलते हैं? ओपन इंटरेस्ट का उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग में सपोर्ट-रेजिस्टेंस, ब्रेकआउट, और ट्रेडर सेंटिमेंट को पकड़ने के लिए किया जाता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं: 📈 1. OI और प्राइस मूवमेंट का संयोजन Price OI Interpretation भाव बढ़े बढ़े नया पैसा आ रहा है, ट्रेंड मजबूत Bullish संकेत घटे बढ़े शॉर्ट बिल्ड-अप हो रहा है Bearish संकेत बढ़े घटे शॉर्ट कवरिंग हो रही है Bullish लेकिन अल्पकालिक घटे घटे लॉन्ग अनवाइंडिंग हो रही है Bearish लेकिन अल्पकालिक उदाहरण: अगर किसी स्टॉक में प्री-मार्केट या पहले 15 मिनट में तेजी है और साथ में OI बढ़ रहा है , तो इसका अर्थ है कि ट्रेडर नई लॉन्ग पोजिशन बना रहे हैं – इंट्राडे बाय का संकेत। ⏰ 2. OI का डे...

Mahadev Govind Ranade ,Atmaram Pandurang Social Reformer

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महादेव गोविन्द रानाडे-- रानाडे का जन्म महाराष्ट्र के नासिक के एक क़स्बे निफाड़ में हुआ था,ये चितपावन ब्राम्हण थे ,इनके पिता मंत्री पद में थे, इनकी प्रारंभिक शिक्षा एलफ़िन्स्टन कॉलेज में हुई इसके बाद उच्च शिक्षा बम्बई विश्विद्यालय से किया यहां से इन्होंने स्नातकोत्तर और एल. एल .बी .की शिक्षा अर्जित  रानाडे ने ब्रम्हसमाज से प्रेरित होकर  प्रार्थना समाज की स्थापना आत्माराम पांडुरंग के सहयोग से किया ,रानाडे ने सामाजिक सम्मेलन आंदोलन भी प्रारम्भ किया, साथ में इन्होंने पूना सार्वजनिक सभा नामक राजनैतिक संगठन बनाया।  इन्होंने बाल विवाह,विधवा मुंडन का विरोध किया ,शादी के अवसर पर की जाने वाली फ़िजूलख़र्च को ग़लत बताया , साथ में विधवा पुनर्विवाह और स्त्री शिक्षा पर जोर दिया।       :दक्षिण भारत में धर्म सुधार आंदोलन: यदि हम दक्षिण भारत और पश्चिमी भारत की तरफ नजर दौड़ातें हैं तो वहां पर भी उसी समय हिन्दू धर्म में आई कुरीतियों आडंबरों का विरोध सांगठनिक रूप से होता है,यदि पश्चिमी भारत के साथ दक्षिण भारत में मद्रास तक रुख़ करतें है तो वहां भी उसी समय समाज मे व्याप्त ब...