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Showing posts from March 12, 2021

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

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  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक छोटी बहन भी है।छोटे भाई का न

Rock Art History of Adamgarh |आदमगढ़ प्रागैतिहासिक स्थल

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होशंगाबाद(आदमगढ़) के प्रागैतिहासिक स्थल।( Rock Art History of  Adamgarh   Madhya Pradesh)| ये शैल चित्र प्रागैतिहासिक से लेकर ऐतिहासिक काल तक के हैं।  इतिहासकारों के अनुसार, ये शैल चित्र 20 हजार साल पुराने हैं।  प्रागितिहासिक काल  में, मनुष्यों का पहला घर पहाड़ियों पर रहा है। इसलिए उन्हें शैलाश्रय कहा जाता है।  उस समय भाषा का विकास नहीं हुआ था, इसलिए मनुष्य चित्रों के माध्यम से अपनी भावनाओं को प्रदर्शित करते थे।  इन शैल चित्रों में  रोजमर्रा की जिंदगी संबंधी तस्वीर हैं।इन तस्वीरों के माध्यम से यह स्पष्ट है कि मानव इस काल में समूहों में रहना शुरू किया।  पहाड़ी पर ये शैल चित्र हैं लेकिन सुरक्षा के अभाव में अधिकांश चित्र गायब हैं।  ये चित्र प्राकृतिक रंगों से बनाए गए हैं  आदमगढ़ पहाड़ी में लगभग 4 किमी के क्षेत्र में 20 शैल हैं।  रॉक आश्रयों में,वृषभ,हांथी, अश्व, सिंह,गाय,जिराफ,हिरण आदि जानवरों को ,हथियार लिए योद्धा,  नृत्य करते मनुष्य ,  हांथी में सवार मनुष्य,घोड़े पर सवार मनुष्य  और जानवरों का शिकार करते  शिकारी जैसे चित्रों को  चित्रित किया गया  है।  इन चित्रों को प्राकृतिक रंगों जैसे हेम