Posts

Showing posts from July 6, 2021

Body Fitness Exercise बॉडी फिटनेस एक्सरसाइज

Image
   मित्रों आज मैं आपको अपनी बॉडी के फिटनेस के लिए कुछ एक्सरसाइज बताने जा रहा हूँ ,जिससे आप न केवल शारीरिक रूप से फिट रहेंगे बल्कि आपके मसल्स भी मजबूत होंगे ,जरूरी नहीं कि आप जिम जाकर ही अपने फ़िटनेस को मेनटेन करें ,बल्कि घर मे रहकर नियमित एक्सरसाइज से आप खुद को न केवल दिन भर के लिए एनरजेटिक बना सकते हो ,बल्कि आप  अपने शरीर को सुडौल भी बना सकते हो और शरीर को स्फूर्तिवान बना सकते हो। 1-दौड़(RUN) आपके लिए दौड़ आपके शरीर की सम्पूर्ण एक्सरसाइज मुख्य भाग है , एक बार यदि 100 मीटर की दौड़ भी तेजी से लगा लेते हो तो आप के ब्लड का पूरा सर्कुलेशन एक बार मे तेजी से हो जाता है ,जिससे आपके सारे आंतरिक ऑर्गन में पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंच जाती है। जिसके कारण  व्यक्ति की इम्युनिटी पावर में  बृद्धि होती है ,बल्कि शरीर के Bones भी मजबूत होते हैं Running या दौड़ लगाना शरीर को फिट रखने का एक बेहतरीन उपाय है ,यह आपके शरीर के प्रत्येक ऑर्गन को स्वस्थ रखता है ,यदि आप प्रतिदिन आधा घण्टा ही जॉगिंग करने और दौड़ने में लगाते हैं तो आप खुद को कई जानलेवा रोग से बचाते है ,इन रोगों का जन्म तब होता है जब ...

Nandlal Bashu नंदलालबसु की जीवनी

Image
Nandlal Bashu नंदलालबसु की जीवनी   नंदलाल बसु की जीवनी (Biography of Nandlal Basu)     नन्दलाल बसु का जन्म 3 दिसंबर 1883 को हुआ था,इनके पिता का नाम पूर्णचंद्र बसु था जो बिहार खड़कपुर के स्थापत्य शिल्पकार थे, नंदलाल बसु की माता क्षेत्रमणि संपन्ना थीं,दुर्भाग्य से जब नंदलाल बसु सिर्फ़ आठ साल के थे तभी उनकी माता का निधन हो गया था,सोलह वर्ष की आयु में उन्होंने माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की वो जब इंटरमीडियट में थे और संस्कृत व्याकरण  विषय भी पढ़ते थे तब भी आड़ी तिरछी रेखाएं खींचा करते थे,इसके कारण वो फेल हो गए ,फेल होने पर उनको कॉमर्स विद्यालय में एड्मिसन मिला किंतु वो वहां भी फेल हो गए।    इसके बाद कलकत्ता आ गए,उन्होंने जनरल असेम्बली कॉलेज में एडमिसन लिया,किंतु वो कॉलेज के बंद जीवन से ऊब गए,उनकी शिक्षा के दौरान कला में रुझान जारी रहा वो अन्य विषय को उतना ध्यान लगाकर नहीं पढ़ सके क्योंकि वो अपने शिक्षण से बचे ज़्यादातर समय मे कला का ही अभ्यास करते रहते थे।30 वर्ष की आयु में इन्होंने "कलकत्ता स्कूल ऑफ आर्ट्स" में प्रवेश लिया ,इस समय ई. वी. हैवेल आर्ट स्कूल के प्रिंसिपल थे...