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Showing posts from July 6, 2021

शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ

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  – शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ   प्रश्न : क्या ओपन इंटरेस्ट (OI) डेटा से किसी स्टॉक में इंट्राडे खरीदारी का सटीक संकेत उसी दिन सुबह या एक दिन पहले मिल सकता है? उत्तर है : हाँ, लेकिन कुछ शर्तों और विश्लेषण के साथ। 🔍 OI से इंट्राडे में संकेत कैसे मिलते हैं? ओपन इंटरेस्ट का उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग में सपोर्ट-रेजिस्टेंस, ब्रेकआउट, और ट्रेडर सेंटिमेंट को पकड़ने के लिए किया जाता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं: 📈 1. OI और प्राइस मूवमेंट का संयोजन Price OI Interpretation भाव बढ़े बढ़े नया पैसा आ रहा है, ट्रेंड मजबूत Bullish संकेत घटे बढ़े शॉर्ट बिल्ड-अप हो रहा है Bearish संकेत बढ़े घटे शॉर्ट कवरिंग हो रही है Bullish लेकिन अल्पकालिक घटे घटे लॉन्ग अनवाइंडिंग हो रही है Bearish लेकिन अल्पकालिक उदाहरण: अगर किसी स्टॉक में प्री-मार्केट या पहले 15 मिनट में तेजी है और साथ में OI बढ़ रहा है , तो इसका अर्थ है कि ट्रेडर नई लॉन्ग पोजिशन बना रहे हैं – इंट्राडे बाय का संकेत। ⏰ 2. OI का डे...

Nandlal Bashu नंदलालबसु की जीवनी

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Nandlal Bashu नंदलालबसु की जीवनी   नंदलाल बसु की जीवनी (Biography of Nandlal Basu)     नन्दलाल बसु का जन्म 3 दिसंबर 1883 को हुआ था,इनके पिता का नाम पूर्णचंद्र बसु था जो बिहार खड़कपुर के स्थापत्य शिल्पकार थे, नंदलाल बसु की माता क्षेत्रमणि संपन्ना थीं,दुर्भाग्य से जब नंदलाल बसु सिर्फ़ आठ साल के थे तभी उनकी माता का निधन हो गया था,सोलह वर्ष की आयु में उन्होंने माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की वो जब इंटरमीडियट में थे और संस्कृत व्याकरण  विषय भी पढ़ते थे तब भी आड़ी तिरछी रेखाएं खींचा करते थे,इसके कारण वो फेल हो गए ,फेल होने पर उनको कॉमर्स विद्यालय में एड्मिसन मिला किंतु वो वहां भी फेल हो गए।    इसके बाद कलकत्ता आ गए,उन्होंने जनरल असेम्बली कॉलेज में एडमिसन लिया,किंतु वो कॉलेज के बंद जीवन से ऊब गए,उनकी शिक्षा के दौरान कला में रुझान जारी रहा वो अन्य विषय को उतना ध्यान लगाकर नहीं पढ़ सके क्योंकि वो अपने शिक्षण से बचे ज़्यादातर समय मे कला का ही अभ्यास करते रहते थे।30 वर्ष की आयु में इन्होंने "कलकत्ता स्कूल ऑफ आर्ट्स" में प्रवेश लिया ,इस समय ई. वी. हैवेल आर्ट स्कूल के प्रिंसिपल थे...