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शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ

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  – शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ   प्रश्न : क्या ओपन इंटरेस्ट (OI) डेटा से किसी स्टॉक में इंट्राडे खरीदारी का सटीक संकेत उसी दिन सुबह या एक दिन पहले मिल सकता है? उत्तर है : हाँ, लेकिन कुछ शर्तों और विश्लेषण के साथ। 🔍 OI से इंट्राडे में संकेत कैसे मिलते हैं? ओपन इंटरेस्ट का उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग में सपोर्ट-रेजिस्टेंस, ब्रेकआउट, और ट्रेडर सेंटिमेंट को पकड़ने के लिए किया जाता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं: 📈 1. OI और प्राइस मूवमेंट का संयोजन Price OI Interpretation भाव बढ़े बढ़े नया पैसा आ रहा है, ट्रेंड मजबूत Bullish संकेत घटे बढ़े शॉर्ट बिल्ड-अप हो रहा है Bearish संकेत बढ़े घटे शॉर्ट कवरिंग हो रही है Bullish लेकिन अल्पकालिक घटे घटे लॉन्ग अनवाइंडिंग हो रही है Bearish लेकिन अल्पकालिक उदाहरण: अगर किसी स्टॉक में प्री-मार्केट या पहले 15 मिनट में तेजी है और साथ में OI बढ़ रहा है , तो इसका अर्थ है कि ट्रेडर नई लॉन्ग पोजिशन बना रहे हैं – इंट्राडे बाय का संकेत। ⏰ 2. OI का डे...

MACD Indicator क्या है?

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आइए आज हम शेयर बाजार में ट्रेडिंग रिलेटेड इस महत्वपूर्ण इंडिकेटर की जानने की कोशिश करते हैं इस आर्टिकल के माध्यम से 📈 MACD Indicator क्या है? MACD का पूरा नाम है Moving Average Convergence Divergence . इसे 1970 के दशक में जेराल्ड एपेल ने विकसित किया था। यह शेयर बाजार में ट्रेंड और मोमेंटम को पहचानने का एक तकनीकी टूल है। MACD के तीन मुख्य घटक होते हैं: MACD Line = 12-दिवसीय EMA – 26-दिवसीय EMA Signal Line = MACD Line का 9-दिवसीय EMA Histogram = MACD Line और Signal Line के बीच का अंतर 🧪 MACD कैसे काम करता है? यह इंडिकेटर पिछली कीमतों (Historical Prices) के आधार पर बनता है और यह हमें यह संकेत देता है कि: ट्रेंड में तेजी है या मंदी ट्रेंड की ताकत कितनी है उलटाव (Trend Reversal) आने वाला है या नहीं 🛠️ MACD का प्रयोग कब और कैसे करें? 1. खरीद और बिक्री संकेतों के लिए: Buy Signal: जब MACD Line, Signal Line को नीचे से ऊपर काटती है। Sell Signal: जब MACD Line, Signal Line को ऊपर से नीचे काटती है। 2. Trend Confirmation के लिए: MACD अगर शून्य र...

वट सावित्री व्रत: सुहाग और संतान सुख का पर्व | पूर्ण जानकारी, विधि, कथा और महत्व

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  🌳 वट सावित्री व्रत: सुहाग और संतान सुख का पर्व | पूर्ण जानकारी, विधि, कथा और महत्व लेखक: मनोज द्विवेदी | ब्लॉग: मनोज की आवाज़ ✨ वट सावित्री व्रत का परिचय वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म की विवाहित महिलाओं द्वारा किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो पति की दीर्घायु, सुख, समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है। यह व्रत पतिव्रता सावित्री की अमर कथा पर आधारित है, जिन्होंने यमराज से अपने पति सत्यवान का जीवन वापस पाया। वट वृक्ष में कच्चे धागे से फेरा लगाती हिंदू महिलाएं 📅 व्रत की तिथि, मास और पंचांग से पहचान कैसे करें मास : ज्येष्ठ माह (वैशाख के बाद आता है) तिथि : अमावस्या तिथि (ज्येष्ठ अमावस्या को यह व्रत किया जाता है) कैलेंडर में पहचान : आप ठाकुर प्रसाद पंचांग या अन्य किसी मान्य पंचांग में "वट सावित्री व्रत" या "वट अमावस्या" के दिन को देखें। अमावस्या के दिन "वट वृक्ष की पूजा" और "सावित्री व्रत" लिखा होता है। कुछ क्षेत्रों में यह पूर्णिमा को भी मनाया जाता है, परंतु उत्तर भारत में अमावस्या तिथि पर अधिक मान्य है...

RSI (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स) क्या है?शेयर बाजार के इस महत्वपूर्ण इंडिकेटर की पूरी जानकारी

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RSI (Relative Strength Index) क्या है? शेयर बाजार के इस महत्वपूर्ण इंडिकेटर की पूरी जानकारी भूमिका अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या ट्रेडिंग में रुचि रखते हैं, तो आपने RSI (Relative Strength Index) के बारे में जरूर सुना होगा। RSI एक ऐसा तकनीकी इंडिकेटर है जो किसी स्टॉक, इंडेक्स या अन्य वित्तीय संपत्ति के ओवरबॉट (Overbought) और ओवरसोल्ड (Oversold) कंडीशन को पहचानने में मदद करता है। इस लेख में हम RSI को विस्तार से समझेंगे – यह कैसे काम करता है, इसे कैसे उपयोग किया जाता है, इसकी सीमाएं क्या हैं और इसे सफल ट्रेडिंग के लिए कैसे लागू किया जाए। RSI (Relative Strength Index) क्या है? RSI एक मोमेंटम ऑस्सीलेटर (Momentum Oscillator) है जिसे 1978 में प्रसिद्ध तकनीकी विश्लेषक J. Welles Wilder ने विकसित किया था। इसका मुख्य उद्देश्य यह बताना होता है कि किसी स्टॉक या एसेट की कीमत बहुत तेजी से बढ़ रही है या गिर रही है, और उस स्थिति में खरीदना या बेचना समझदारी होगी या नहीं। RSI का गणितीय रूप: RSI को 0 से 100 के स्केल पर मापा जाता है। RSI = 100 - (100 / (1 + RS)) जहां, RS (Relative Strength)...

ए ए अलमेलकर ( A.A Almelkar) की जीवनी एक भारतीय चित्रकला परंपरा के सजग संरक्षक

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  ए. ए. अलमेलकर (A. A. Almelkar) की जीवनी — एक भारतीय चित्रकला परंपरा के सजग संरक्षक परिचय ए. ए. अलमेलकर (A. A. Almelkar) भारतीय कला-जगत की एक ऐसी विलक्षण प्रतिभा थे, जिन्होंने पारंपरिक भारतीय चित्रशैली को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए एक विशिष्ट शैली का विकास किया। उन्होंने भारतीय जीवन, संस्कृति और लोक परंपराओं को अपनी कला का केंद्र बनाया और एक गहरी भारतीयता से भरपूर चित्रशैली को जन्म दिया। प्रारंभिक जीवन पूरा नाम : अरुणा अनंतराव अलमेलकर जन्म :  10 अक्टूबर, 1920  में शोलापुर  महाराष्ट्र में मृत्यु : 1982 में अलमेलकर का जन्म एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें चित्रकला में थी, और सात साल की छोटी सी उम्र  से ही चित्रकारी शुरू कर दी ,इसी रुचि ने उन्हें आगे चलकर भारत के प्रमुख कलाकारों में शामिल किया। शिक्षा : अपने समकालीनों से अलग उन्होंने कम उम्र में ही चित्रकारी शुरू कर दी और खुद की एक अलग कला शैली विकसित की । उनकी चित्रकला शैली अपने समकालीन कलाकारों से कहीं ज्यादा पारंपरिक थे ,उनकी  शैली में लघु चित्र कला का ज्यादा ...

अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

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अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अतुल डोडिया का जन्म 1959 में भारत के मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) शहर में हुआ था। एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे अतुल का बचपन साधारण किंतु जीवंत माहौल में बीता। उनका परिवार कला से सीधे जुड़ा नहीं था, परंतु रंगों और कल्पनाओं के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही साफ दिखने लगा था। अतुल डोडिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में पूरी की। किशोरावस्था में ही उनके भीतर एक गहरी कलात्मक चेतना जागृत हुई। उनके चित्रों में स्थानीय जीवन, राजनीति और सामाजिक घटनाओं की झलक मिलती थी। 1975 के दशक में भारत में कला की दुनिया में नया उफान था। युवा अतुल ने भी ठान लिया कि वे इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई से1982 में  बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) की डिग्री प्राप्त की। यहाँ उन्होंने अकादमिक कला की बारीकियों को सीखा, वहीं भारतीय और पाश्चात्य कला धाराओं का गहरा अध्ययन भी किया। 1989से1990 के साल में, उन्हें École des Beaux-Arts, पेरिस में भी अध्ययन का अवसर मिला।...

केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण"

"केमिकल सेक्टर में निवेश की पीड़ा और संभावना: एक निवेशक की सीख और वैश्विक विश्लेषण" भूमिका: जब आँकड़े से ज़्यादा भावनाएं बोलती हैं 15 नवंबर 2023 को जब मैंने UPL के 14 शेयर ₹678 प्रति शेयर की दर से खरीदे, तब मन में आशा थी—परिणाम मिला निराशा। दो साल तक घाटा सहना पड़ा, शेयर ₹400 तक गिरा, और धैर्य की परीक्षा होती रही। आरती इंडस्ट्रीज़ में निवेश किया तो ₹735 पर खरीदकर देखते ही देखते शेयर ₹437 तक लुढ़क गया। ₹29,000 का घाटा झेलना आसान नहीं था। सुदर्शन केमिकल भी मेरे भरोसे को नहीं सहेज सका—₹1218 की खरीद, और अप्रैल 2025 तक सिर्फ ₹1081। पर क्या सिर्फ मेरे फैसले गलत थे? या कुछ बड़ा, वैश्विक खेल भी चल रहा था? केमिकल सेक्टर क्यों गिरा? वैश्विक और घरेलू कारणों की पड़ताल 1. चीन की नीतियाँ और वैश्विक डंपिंग का खेल चीन विश्व का सबसे बड़ा केमिकल निर्यातक है। वह सरकार से सब्सिडी लेकर सस्ते में केमिकल बनाता है और फिर उन्हें दुनिया भर के बाजारों में डंप करता है – मतलब लागत से भी कम दाम पर बेचता है। दक्षिण अमेरिका , अफ्रीका , और यूरोप के कई छोटे देशों में उसने भारतीय उत्पादों की मा...