अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

आप एक छोटे से करियर के दौरान महान चित्रकारी की है।
मेरी के जलरंगों में जलरंगों की पारदर्शी गहराई दिखाई देती है।
प्रकृति हमेशा उनके महान परिवेश का हिस्सा रही है ,उन्होंने रेब्रान्त, टर्नर,कास्टेबल,विस्लोहोमर का अनुगमन किया।
परेश मैती आर्टिस्ट का जन्म 1965 में पश्चिम बंगाल के मेदनीपुर जिले तमलुक में हुआ था।
उन्होंने गवर्नमेंट ऑफ फाइन आर्ट कोलकाता से फाइन आर्ट एंड क्राफ्ट की डिग्री प्राप्त की।
एम एफ ए कॉलेज ऑफ आर्ट नई दिल्ली से प्राप्त किया।
परेश मैती आर्टिस्ट ने 81 सोलो प्रदर्शनी अपने 40 साल के करियर में प्रदर्शित किए|प्रारम्भ में उन्होंने प्रकृति चित्रण ही किया परंतु बाद में मानवीय चित्रण किया|
उनकी मुख्य पेंटिंग ग्राफ़िक क्वालिटी की हैं उनकी बनाई गई पेंटिंग का कलेक्शन ब्रटिश म्यूज़ियम और नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट नई दिल्ली में है|
इन्होंने भारत की सबसे लंबी पेंटिंग जिसकी लंबाई 850 फ़ीट है को पेंट किया है|अगस्त 2010 में 55 सोलो शो की वाटर की जो रवींद्र नाथ टैगोर की 15 कविताओं पर आधारित थीं|जिसका नाम शेषलेखा था जो 1941 में बनीं जिसको नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में प्रदर्शित किया|
इनका विवाह आर्टिस्ट जयश्री वर्मन के साथ हुआ |आप इस समय नई दिल्ली में रहकर कार्य कर रहे हैं|
2017-बिहार सरकार द्वारा पुरस्कार
2014-पद्मश्री अवार्ड
2014-कार्टियर अवार्ड ,मार्टीज़ स्विट्ज़रलैंड
2013-हाल ऑफ फेम(टाइम्स ऑफ इंडिया)
2012-दयावती मोदी अवार्ड आर्ट और शिक्षा
1999-हार्मोनी अवार्ड मुंबई
1990-आल इंडिया फाइन आर्ट एंड क्राफ़्ट सोसाइटी
1989-नेशनल स्कालरशिप अवार्ड ,भारत सरकार
1986-इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरियंटल आर्ट कोलकाता
2019:आर्ट सेंट्रल हांगकांग
2019-विज़ुअल आर्ट सेंटर हांगकांग
2017-जहाँगीर आर्ट मुम्बई
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