अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

नलिनी मालानी समकालीन भारती कलाकार हैं इनका जन्म 1946 में कराची पाकिस्तान में हुआ था नलिनी मालानी का परिवार भारत विभाजन के बाद कोलकाता में आकर बस गया कुछ वर्षों बाद इनका परिवार कोलकाता से मुंबई स्थानांतरित हो गया नालिनी मालानी ने मुंबई के जे. जे. स्कूल आफ आर्ट से ललित कला में डिप्लोमा प्राप्त किया इसी पढ़ाई के दौरान बीच में वह भूलाभाई मेमोरियल इंस्टिट्यूट मुंबई के स्टूडियो में जाती थी वहां पर वह संगीतकारों से कलाकारों से नृत्य क्यों से और थिएटर के आर्टिस्ट से व्यक्तिगत रूप से मिलती थी और उनके साथ कई कला विधाओं में कार्य भी करती थी। नलिनी मालानी ने स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही फोटोग्राफी का प्रशिक्षण लिया साथ में कुछ दिन फिल्म में भी कला संबंधित बारीकियों को जाना नलिनी मालानी ने को 1970 से 72 के बीच फाइन आर्ट के अध्ययन के लिए फ्रेंच सरकार से से एक स्कॉलरशिप मिली। इसी तरह 1984 से 1989 तक नलिनी मालानी को भारत की सरकार द्वारा कला फैलोशिप मिला ।
नलिनी मालानी आपके प्रारंभिक चित्र कैनवास पर एक्रेलिक तथा कागज पर वाटर कलर में बने थे परंतु 1990 के बाद बाबरी मस्जिद विध्वंस के पश्चात जो सांप्रदायिक हिंसा हुई उससे उनकी कलाकृतियों में बदलाव आया और उन्होंने वीडियो इंस्टॉलेशन शुरुआत की। नलिनी की कलाकृतियों में भारत की राजनीतिक अस्थिरता,महिलाओं की व्यथा और कई सामाजिक संघर्षों की मनोदशा प्रकट होती है ।
मुख्य कृतियां मुख्य इस प्रकार है --
इच्छाओं का शहर 1992 में बना था
टोबा टेक सिंह 1998
हैमलेट माइन विविधता में एकता 2003
भारत माता 2005
यायावर रक्त की खोज 2012
नालिनी मालिनी पहली एशियाई महिला हैं जिनको 2013 में फुकुओका पुरस्कार मिला।
2019 में जान मीरो अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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