CRPC बनाम BNSS 2023: जूनियर डिवीजन कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण धाराओं का तुलनात्मक विश्लेषण

  CRPC बनाम BNSS 2023: जूनियर डिवीजन कोर्ट के  लिए महत्वपूर्ण धाराओं का तुलनात्मक विश्लेषण भूमिका: क्यों जरूरी है BNSS 2023 की समझ? भारत की आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), जो दशकों से देश की न्याय प्रणाली की रीढ़ थी, को अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 से प्रतिस्थापित किया गया है। इसके साथ ही भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 ने IPC की जगह ली है। जूनियर डिवीजन कोर्ट में कार्यरत अधिवक्ताओं के लिए यह बदलाव विशेष महत्व रखता है , क्योंकि यहाँ पुलिस कार्यवाही, गिरफ्तारी, जमानत, चार्जशीट, समन, और मुकदमे की सुनवाई जैसे मामलों से जुड़ी प्रक्रियाएं अधिक सक्रिय रूप से सामने आती हैं। 1. पुलिस कार्यवाही और गिरफ्तारी से जुड़े प्रावधान पुरानी CrPC धारा BNSS 2023 धारा विषय मुख्य परिवर्तन 41 35 बिना वारंट गिरफ्तारी 7 वर्ष से कम सजा वाले मामलों में गिरफ्तारी के लिए सख्त शर्तें 41A 35(2) सूचना जारी करना गिरफ्तारी से पूर्व सूचना आवश्यक 41B 36 गिरफ्तारी की प्रक्रिया गिरफ्तारी में पारदर्शिता बढ़ाई गई 41D 39 वकील से मिलने का अधिकार अधिवक्ता की भू...

8 चीजें रखें जाड़े में सेहतमंद

 8 चीजें रखें जाड़े में सेहतमंद


 जाड़ा आते ही शरीर को मजबूत रखने के लिए खानपान में ध्यान रखना पड़ता है ।क्योंकि जाड़े में शरीर को मजबूत रखने के लिए ऐसे चीजों की जरुरत होती है जिनसे न केवल ऊर्जा मिलती रहे बल्कि शरीर की इम्युनिटी पॉवर भी मजबूत रहे।

(1) अलसी---

अलसी में पाये जाने वाले गुणकारी तत्वों के कारण ही इसे सुपर फ़ूड में गिना जाता है ,अलसी में  एंटीओक्सीडेंट तत्व पाये जाते हैं,इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है जिसके कारण हमारा प्रतिरोधी तंत्र मजबूत रहता है , ओमेगा 3 फैटी एसिड से उन कोशिकाओ की मरम्मत होती रहती है जो नष्ट हो रही होती हैं ।इसमें प्रोटीन ,बिटामिन्स, मिनरल्स पाये जाते है,इसमें बिटामिन्स बी-6 ,बिटामिन बी-1, फॉलिक एसिड, साथ में पोटेशियम, कैल्शियम,फास्फोरस,मैग्नीशियम पाया जाता है,जाड़े में अलसी के सेवन से हृदय रोग और डायबिटीज़ जैसे रोगों की आशंका कम हो जाती है,अलसी के अंदर लिंगनस नामक फाइबर होता है जिसके कारण पाचनतंत्र सही होता है, अलसी में पाया जाने वाला कोलाइन नामक पोषक तत्व ब्रेन को हेल्दी रखने में मदद करता है,यह खून की कमी को दूर करता है ,ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में सहायक है।

(2) शकरकंद--

शकरकंद को स्वीट पटैटो भी कहा जाता है।
 शकरकंद में बीटा कैरोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है , बीटा कैरोटीन  बिटामिन का बढ़िया स्रोत होता है , इसके सेवन से वजन कम करने में मदद मिलती है , बीटा कैरोटीन से आँखों में नेत्र ज्योति बढ़ती है , बीटा कैरोटीन से पाचन शक्ति बढ़ती है , बीटा कैरोटीन के कारण त्वचा में झुर्रियां नहीं पड़तीं हैं
आठ चीजें रखें जाड़े में सेहतमंद,aath chijen rakhen jaade mein sehatmand
(शकरकंद)

 ,शकरकंद के  सेवन से शरीर के हानिकारक तत्व आसानी से बहार निकल जाते हैं , शकरकंद में बिटामिन , मिनरल ,एन्टीक्सीडेंट  तत्व , और फाइबर भरपूर   मात्रा में पाया जाता है इसमें  सालुबल ( घुलनशील) और इनसालुब्ल( अघुलन शील) फाइबर पाये जाते हैं  ,इसमें बिटामिन बी-6, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कॉपर ,पेंटोथिनिक एसिड पाया जाता है। डायबटीज रोगियों के लिए शकरकंद बहुत लाभदायक है, शकरकंद के प्रयोग से पेट में कब्ज और एसिडिटी नही रहती ,शकरकंद के प्रयोग से फेफड़े में कफ़ नहीं जमता, इसमें पाये जाने वाला कार्सियोजेनिक प्रापर्टी के कारण कैंसर नही होता , शकरकंद का एक नुकसान तब होता है जब इसको अधिक खाया जाता है तो गुर्दे पथरी भी हो सकती क्योंकि इसमें ऑक्जजलेट नामक तत्व पाया जाता है।

 (3) हरी पत्तेदार सब्जियां----

आजकल के मौसम में बाज़ार में विभिन्न प्रकार की हरी पत्तेदार सब्जियां पाई जातीं हैं, इसमें पाये जाने पोषक तत्व हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करतें है, हरी सब्जियों में आयरन, भरपूर मात्रा में पाया जाता है ,हरी सब्जियां ,बिटामिन,मिनरल ,फाइबर का अच्छा स्रोत हैं, यद्यपि इनमे कैलोरी ऊर्जा बहुत कम मात्रा में पाई जाती है,हरी सब्जियों के प्रयोग से मोटापा कम होता है ये मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं।

(4)मशरूम--

 मशरूम को भोजन में सम्मिलित करने से बिटामिन D की प्राप्ति होती है ,मशरूम में ,प्रोटीन ,फाइबर ,बिटामिन बी और बिटामिन सी पाये जातें हैं,इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक  तंत्र मजबूत होता है।इसमें फोलेट नामक तत्व पाया जाता है यह पोषक और गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है,मशरूम में थायमिन,पेंटोथिनिक एसिड, राइबोफ्लेविन, नियासिन, कॉपर, आयरन, नियासिन आदि पाये जाते हैं

(5) गज़क--

जाड़े में बाज़ार में अलग अलग किस्म की गज़क उपलब्ध हो जातीं हैं , गज़क को तिल को पीसकर गुड़ में मिलाने और उसे कूटकर बनाया जाता है गज़क में जिंक और सिलेनियम नामक तत्व के कारण त्वचा में झुर्रियां नही पड़तीं है,गज़क खाने से अर्थराइटिस के मरीजों के लिए बेहद लाभदायक है, तिल और गुड़  हड्डियो के मजबूत करने में सहायक होतें है ,साथ में  एनीमिया के मरीजों के लिए गज़क का प्रयोग अवश्य करना चाहिए क्योंकि इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

 (6) बादाम- 

बादाम का सर्दियों में प्रयोग अत्यधिक लाभकारी है बादाम में ओमेगा थ्री फैटी एसिड होता है जो व्यक्ति के कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है , बादाम में बिटामिन E भरपूर मात्रा में पाया जाता है  , साथ में जाड़े में यदि रात को  पानी में भीगे हुए बादाम का सेवन किया जाता है तो  कब्ज की शिकायत नहीं रहती । बादाम के सर्दियों में प्रयोग से मष्तिष्क सक्रिय रहता है , मायूसी डिप्रेशन जैसे विकार दूर हो जातें है।

(7) मूंगफली--

 यदि रात को मूंगफली को भिंगोकर खाया जाता है तो कई फायदे मिलते है मूंगफली में अंडे और दूध से भी ज्यादा प्रोटीन होता है,इसमें बिटामिन E और बिटामिन K और बिटामिन B-6भरपूर मात्रा में पाया जाता है,
कम से कम 20 मूंगफली भिंगोकर जाड़े में खाना चाहिए इसके खाने से पेट संबधी समस्याएं खत्म हो ,भूख लगने लगती है जातीं है  पाचन शक्ति बढ़ती है और कब्जियत से छुटकारा मिल जाता है ,इसके प्रयोग से गैस और एसिडिटी की समस्या से छुटकारा मिल जाता है,मूंगफली में ओमेगा- सिक्स फैट पाया जाता है जो कोशिकाओ को स्वस्थ रखने में मदद करता है इसके कारण त्वचा चमकदार बनी रहती है ,मूंगफली कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी नियंत्रित करता है मूंगफली के प्रयोग से कोलेस्ट्राल 5%कम हो जाता है साथ में लिपोप्रोटीन 7 पॉइंट कम हो जाता है,एक शोध से पता चला है की लगातार पांच दिन तक 20 दाने मूंगफली के खाने से दिल की बीमारियों में कमी आती है,इसमें कैल्शियम और बिटामिन डी पाये जाने से ये हड्डियों के लिए फायदेमंद है, मूंगफली के प्रयोग से पुरुष और महिला हार्मोन में  में संतुलन बना रहता है।

(8)गुड़--

गुड़ सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है और हाँ गुड़ खाइये तो काला वाला न की साफ़ किया हुआ सफ़ेद गुड़, गुड़ के पहले का प्रोडक्ट राब भी आप खा सकते हो जाड़े में राब को दही में मिलकर खाएं, दूध के साथ गुड़ को मिलकर नही खाना पीना चाहिए आप गुड़   दूध के हर घूंट के पहले बाद में ले सकते हो ,गुड़ के साथ मिले हुए आहार में गुड़पट्टी, गज़क, मूंगफली की गुड़ से मिली पट्टी या टिक्की खाइये नवंबर  दिसम्बर, जनवरी फ़रवरी चार महीने ,चूँकि गुड़ क्षारीय है इसलिए इनसे कफ़ बनने की सम्भावना नहीं रहेगी ,खाली पेट गुड़ खाने से रक्त साफ रहता है,पाचन तंत्र सही रहता है ,गुड़ में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है इस लिए एनीमिया रोग नही होता रोज सुबह एक गिलास दूध के साथ गुड़ लेने से गैस और कब्ज की शिकायत खत्म हो जाती है।


Comments

Post a Comment

Please do not enter any spam link in this comment box

Popular posts from this blog

रसेल वाईपर की जानकारी हिंदी में russell wipers information in hindi

हड़प्पा कालीन सभ्यता मे धार्मिक जीवन Religious Aspect of Hadappan Society

परमानंद चोयल| (P. N. choyal) |कलाकार की जीवनी