अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

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अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अतुल डोडिया का जन्म 1959 में भारत के मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) शहर में हुआ था। एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे अतुल का बचपन साधारण किंतु जीवंत माहौल में बीता। उनका परिवार कला से सीधे जुड़ा नहीं था, परंतु रंगों और कल्पनाओं के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही साफ दिखने लगा था। अतुल डोडिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में पूरी की। किशोरावस्था में ही उनके भीतर एक गहरी कलात्मक चेतना जागृत हुई। उनके चित्रों में स्थानीय जीवन, राजनीति और सामाजिक घटनाओं की झलक मिलती थी। 1975 के दशक में भारत में कला की दुनिया में नया उफान था। युवा अतुल ने भी ठान लिया कि वे इसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे। उन्होंने प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई से1982 में  बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (BFA) की डिग्री प्राप्त की। यहाँ उन्होंने अकादमिक कला की बारीकियों को सीखा, वहीं भारतीय और पाश्चात्य कला धाराओं का गहरा अध्ययन भी किया। 1989से1990 के साल में, उन्हें École des Beaux-Arts, पेरिस में भी अध्ययन का अवसर मिला।...

हेल्थ insurance क्या है?Health Insurance ki jankari hindi में

हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?हेल्थ इंश्योरेंस के फायदे 

प्रस्तावना:-  

 हैल्थ  इंश्योरेंस एक बीमा योजना है जो बीमा धारक को आकस्मिक गंभीर बीमारियों और अकस्मात दुर्घटनाओं से आर्थिक कवरेज प्रदान करता है।


 हेल्थ इंश्योरेंस या स्वास्थ्य बीमा का चलन अभी भी भारत मे कम है क्योंकि सिर्फ 20 प्रतिशत लोग ही हेल्थ इंश्योरेंस करवा रहे है ,उसमें भी 18 प्रतिशत शहरी लोग हैं तो 14 प्रतिशत ग्रामीण लोग हेल्थ बीमा ले रहे हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस कराने पर बीमा कंपनी बीमा लेने वाले व्यक्ति के बीमार होने पर मुफ़्त चिकित्सकीय सहायता प्रदान करती है या इलाज के बाद हुए कुल ख़र्च का ब्योरा देने पर बीमा कंपनी बीमाकृत धनराशि के बराबर सहायता प्रदान करती है।

हेल्थ इंश्योरेंस योजनाओं का महत्व---

हेल्थ इंश्योरंस योजना का प्रचलन भारत मे धीरे धीरे बढ़ रहा है , क्योंकि आज कल की भागदौड़ की जिंदगी,तनाव भरी जिंदगी तथा बाहरी खानपान से व्यक्ति के शरीर मे जल्द बीमारियां आ घेर रहीं हैं,तब उस दौरान जब व्यक्ति अचानक गंभीर बीमार हो जाता है तो वह आनन फानन में प्राइवेट हॉस्पिटल की तरफ रूख़ करता है क्योंकि वहां सरकारी अस्पतालों से कई गुना अच्छी चिकित्सा सहायता मिल जाती है पर कमजोर आर्थिक  स्थिति वाले इन अस्पतालों के भारी भरकम शुल्क को अदा नहीं कर पाते क्योंकि इन अस्पतालों के मीटर तभी चालू हो जाता है जब बीमार व्यक्ति अस्पताल के गेट में प्रवेश ही कर पाता है।

  अतः हर मध्यमवर्ग के व्यक्ति के लिए हेल्थ बीमा लेना आवश्यक हो गया है,यह बीमा योजनाएं व्यक्ति को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती हैं,साथ मे ये योजनाएं इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अंतर्गत धारा 80 D के तहत टैक्स में छूट भी मिलती है।

स्वास्थ्य बीमा: एक परिचय

स्वास्थ्य बीमा एक ऐसा अनुबंध है जो बीमित व्यक्ति को चिकित्सा खर्चों से सुरक्षा प्रदान करता है। यह पॉलिसीधारक को अस्पताल में भर्ती होने, सर्जरी, दवाओं और अन्य चिकित्सा खर्चों के लिए वित्तीय सहायता देती है। स्वास्थ्य बीमा न केवल अप्रत्याशित चिकित्सा खर्चों से बचाव करता है, बल्कि यह मानसिक शांति भी प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के प्रति निश्चिंत रह सकता है।

भारत में प्रमुख स्वास्थ्य बीमा कंपनियाँ और उनकी रैंकिंग

भारत में कई स्वास्थ्य बीमा कंपनियाँ हैं जो विभिन्न योजनाएँ और सेवाएँ प्रदान करती हैं। इनमें से कुछ कंपनियाँ अपनी उत्कृष्ट सेवाओं और उच्च क्लेम सेटलमेंट रेशियो के लिए प्रसिद्ध हैं। निम्नलिखित कंपनियाँ भारत में शीर्ष स्वास्थ्य बीमा प्रदाताओं में शामिल हैं:

  1. केयर हेल्थ इंश्योरेंस: यह कंपनी 100% क्लेम सेटलमेंट रेशियो के साथ शीर्ष स्थान पर है, जो यह दर्शाता है कि कंपनी ने अपने ग्राहकों के सभी क्लेम का भुगतान 3 महीने के भीतर किया है। 

  2. नीवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस: 99.99% क्लेम सेटलमेंट रेशियो के साथ, यह कंपनी ग्राहकों के बीच विश्वसनीयता के लिए जानी जाती है। 

  3. मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस: इसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो 99.90% है, जो इसे एक विश्वसनीय विकल्प बनाता है। 

  4. आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस: 99.41% क्लेम सेटलमेंट रेशियो के साथ, यह कंपनी भी ग्राहकों के बीच लोकप्रिय है। 

  5. स्टार हेल्थ इंश्योरेंस: इसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो 99.06% है, जो इसे एक भरोसेमंद विकल्प बनाता है। 

स्वास्थ्य बीमा चुनते समय ध्यान देने योग्य कारक

स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का चयन करते समय निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए:

  • क्लेम सेटलमेंट रेशियो: यह दर्शाता है कि कंपनी ने कितने प्रतिशत क्लेम सफलतापूर्वक निपटाए हैं। उच्च रेशियो वाली कंपनियाँ अधिक विश्वसनीय मानी जाती हैं।

  • नेटवर्क अस्पतालों की संख्या: कंपनी के नेटवर्क में शामिल अस्पतालों की संख्या जितनी अधिक होगी, कैशलेस सुविधा प्राप्त करना उतना ही आसान होगा।

  • पॉलिसी का कवरेज: पॉलिसी द्वारा कवर किए जाने वाले चिकित्सा खर्चों की सूची और उनकी सीमाएँ समझना आवश्यक है।

  • प्रीमियम और लाभ: प्रीमियम की राशि और उसके बदले में मिलने वाले लाभों का मूल्यांकन करना चाहिए।

निष्कर्ष

स्वास्थ्य बीमा आज के समय में एक आवश्यक निवेश है जो अप्रत्याशित चिकित्सा खर्चों से सुरक्षा प्रदान करता है। उपयुक्त पॉलिसी का चयन करने के लिए कंपनियों की रैंकिंग, क्लेम सेटलमेंट रेशियो, नेटवर्क अस्पतालों की उपलब्धता और पॉलिसी के लाभों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना चाहिए। इससे न केवल आर्थिक सुरक्षा मिलती है, बल्कि मानसिक शांति भी सुनिश्चित होती है।

हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?

हेल्थ इंश्योरेंस एक प्रकार की बीमा योजना (Insurance Policy) होती है, जो मेडिकल खर्चों को कवर करती है। इसमें बीमाधारक (Policyholder) को बीमारी, दुर्घटना या सर्जरी के दौरान होने वाले खर्चों के लिए आर्थिक सहायता मिलती है।


हेल्थ इंश्योरेंस और अन्य सामान्य इंश्योरेंस में अंतर

हेल्थ इंश्योरेंस अन्य इंश्योरेंस (जैसे लाइफ, कार, होम इंश्योरेंस)
मेडिकल खर्चों को कवर करता है किसी विशेष संपत्ति या जीवन को कवर करता है
अस्पताल में भर्ती, दवाइयों और ऑपरेशन का खर्च उठाता है क्षति, मृत्यु या हानि की भरपाई करता है
सालाना या मासिक प्रीमियम भरना होता है विभिन्न प्रीमियम योजनाएं होती हैं

हेल्थ इंश्योरेंस की पात्रता (Eligibility)

  • उम्र: 18 से 65 वर्ष तक कोई भी व्यक्ति हेल्थ इंश्योरेंस ले सकता है। कुछ पॉलिसी बच्चों (0-18 वर्ष) और वरिष्ठ नागरिकों (65+ वर्ष) के लिए भी होती हैं।
  • परिवार कवर: परिवार के सदस्यों (पति, पत्नी, बच्चे, माता-पिता) के लिए फैमिली फ्लोटर प्लान उपलब्ध होते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम कितना देना पड़ता है?

  • प्रीमियम की राशि कई फैक्टर पर निर्भर करती है, जैसे:

    • बीमाधारक की उम्र
    • स्वास्थ्य स्थिति (कोई पुरानी बीमारी हो तो प्रीमियम बढ़ सकता है)
    • समर्पित राशि (Sum Insured)
    • कंपनी और पॉलिसी का प्रकार
  • उदाहरण:

    • ₹5 लाख के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए 25-30 वर्ष के व्यक्ति को ₹6,000-₹10,000 सालाना देना पड़ सकता है।
    • 40-50 वर्ष के व्यक्ति के लिए ₹12,000-₹20,000 सालाना हो सकता है।

हर महीने कितने रुपये देने पर कितनी कवरेज मिलती है?

  • ₹500-₹800 महीना देने पर → ₹2 लाख से ₹5 लाख तक का कवर मिल सकता है।
  • ₹1,000-₹1,500 महीना देने पर → ₹10 लाख तक का कवर मिल सकता है।
  • ₹2,000-₹3,000 महीना देने पर → ₹20-50 लाख तक का कवर मिल सकता है।

हेल्थ इंश्योरेंस में कौन-कौन सी बीमारियों का इलाज होता है?

  • कवर की जाने वाली बीमारियाँ:

    • हार्ट डिजीज
    • किडनी फेल्योर
    • कैंसर
    • डायबिटीज से जुड़ी समस्याएँ
    • ब्रेन स्ट्रोक
    • लिवर डिजीज
    • आर्थराइटिस और घुटना प्रत्यारोपण
  • छोटी-मोटी बीमारियाँ:

    • वायरल फीवर
    • डेंगू, मलेरिया
    • पेट से जुड़ी समस्याएँ
    • एक्सीडेंटल चोटें
  • कुछ कंपनियाँ प्री-एग्ज़िस्टिंग डिजीज (पहले से मौजूद बीमारियाँ) के लिए वेटिंग पीरियड रखती हैं (2-4 साल का इंतजार)।


क्या हेल्थ इंश्योरेंस में OPD (Outpatient Department) कवर होता है?

  • कुछ पॉलिसी में OPD खर्च (डॉक्टर की फीस, टेस्ट, दवाइयाँ) कवर होती हैं।
  • लेकिन अधिकतर बेसिक हेल्थ प्लान में OPD शामिल नहीं होता, इसके लिए एड-ऑन कवर लेना पड़ता है।

क्लेम कब और कैसे मिलता है

  • कैशलेस ट्रीटमेंट:
    • यदि आप नेटवर्क अस्पताल में इलाज करवाते हैं, तो बीमा कंपनी अस्पताल को सीधा भुगतान कर देती है।
    • बीमाधारक को जेब से पैसे नहीं देने पड़ते।
  • रीइंबर्समेंट क्लेम:
    • यदि आपने गैर-नेटवर्क अस्पताल में इलाज कराया है, तो पहले खर्च खुद उठाना होगा।
    • बाद में कंपनी को बिल, रिपोर्ट आदि देकर क्लेम कर सकते हैं।

क्या हेल्थ इंश्योरेंस में घुटना प्रत्यारोपण, हार्ट स्टंट आदि कवर होते हैं?

  • हाँ, अधिकतर हेल्थ प्लान में घुटना प्रत्यारोपण, हार्ट सर्जरी, स्टंट, कैंसर ट्रीटमेंट, किडनी ट्रांसप्लांट आदि कवर होते हैं।
  • लेकिन कुछ मामलों में 2-4 साल का वेटिंग पीरियड हो सकता है।

किस लेवल के अस्पताल में भर्ती होना होगा?

  • बीमा कंपनी के नेटवर्क अस्पतालों में इलाज लेने पर कैशलेस सुविधा मिलती है।
  • अगर नॉन-नेटवर्क अस्पताल में इलाज कराना है, तो बाद में रीइंबर्समेंट क्लेम किया जा सकता है।

हेल्थ इंश्योरेंस कराने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स

  1. आधार कार्ड / पैन कार्ड
  2. पासपोर्ट साइज फोटो
  3. एड्रेस प्रूफ (बिजली बिल, राशन कार्ड)
  4. मेडिकल हिस्ट्री (यदि पहले से कोई बीमारी है)
  5. इनकम प्रूफ (कुछ पॉलिसी में जरूरी हो सकता है)

अगर कोई किस्त छूट जाए तो क्या होगा?

  • बीमा कंपनी 30 दिनों का ग्रेस पीरियड देती है।
  • समय पर प्रीमियम न भरने पर पॉलिसी लैप्स हो सकती है।
  • लैप्स होने के बाद फिर से शुरू करने के लिए मेडिकल टेस्ट और अतिरिक्त शुल्क लग सकता है।

निष्कर्ष:

हेल्थ इंश्योरेंस आपको और आपके परिवार को मेडिकल खर्चों से बचाने का एक बेहतरीन तरीका है। सही प्लान चुनने के लिए समर्पित राशि, कवरेज, प्रीमियम, नेटवर्क अस्पतालों आदि को ध्यान में रखना जरूरी है।

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