अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

गगनेन्द्रनाथ टैगोर (1867-1938) भारतीय चित्रकला के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण नाम हैं। वे न केवल एक प्रख्यात कलाकार थे, बल्कि आधुनिक भारतीय चित्रकला के अग्रदूतों में से एक माने जाते हैं। उनका योगदान भारतीय कला को पश्चिमी प्रभावों से मुक्त करने और इसे अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने में महत्वपूर्ण रहा। वे प्रसिद्ध टैगोर परिवार से थे और रवीन्द्रनाथ टैगोर के भाई थे।
गगनेन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 18 सितंबर 1867 को कोलकाता के प्रतिष्ठित टैगोर परिवार में हुआ था। उनका पालन-पोषण एक सांस्कृतिक और बौद्धिक माहौल में हुआ, जिसने उनकी कला और दृष्टिकोण को आकार दिया। उन्होंने औपचारिक रूप से किसी कला विद्यालय में शिक्षा नहीं ली, बल्कि अपनी रुचि और अभ्यास के माध्यम से एक कुशल कलाकार बने।उन्होंने लगभग 38 वर्ष की उम्र में चित्रकला प्रारंभ की।
गगनेन्द्रनाथ टैगोर की चित्रकला में भारतीय परंपराओं के साथ-साथ पश्चिमी प्रभावों का भी समावेश दिखता है। उन्होंने कार्टून और कैरिकेचर आर्ट में भी महारत हासिल की थी। उनकी कला में सामाजिक व्यंग्य, हास्य, और भारतीय संस्कृति की गहरी समझ देखी जा सकती है। वे भारतीय आधुनिकतावादी चित्रकला के पहले कलाकारों में गिने जाते हैं।
उनकी शैली में प्रमुख रूप से निम्नलिखित विशेषताएँ देखी जा सकती हैं—
गगनेन्द्रनाथ टैगोर की चित्रकला ने भारतीय कला के नए आयाम स्थापित किए। उनकी कुछ प्रमुख कृतियाँ इस प्रकार हैं—
यह श्रृंखला भारतीय राजाओं और दरबारों के वैभव को दर्शाती है। इसमें उन्होंने शाही जीवनशैली को व्यंग्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया है।
इस श्रृंखला में उन्होंने समाज की बेतुकी बातों और विडंबनाओं को दिखाया है।
यह भारतीय समाज और ब्रिटिश उपनिवेशवाद की आलोचना पर आधारित चित्रों की एक श्रृंखला है।
यह कार्य भारतीय आधुनिक कला में क्यूबिज़्म की शुरुआती झलक को दर्शाता है।
उन्होंने क्रेयॉन के माध्यम से भी कई रचनाएँ कीं, जो रंगों और आकृतियों के अद्भुत संयोजन के कारण प्रसिद्ध हुईं।
उन्होंने भारतीय राजनीति और समाज पर कटाक्ष करने वाले अनेक कार्टून बनाए, जिनमें उस समय की विडंबनाओं को दर्शाया गया।
टैगोर परिवार से जुड़े विभिन्न व्यक्तित्वों और उनके जीवन को दर्शाने वाले चित्र भी उन्होंने बनाए।
उन्होंने भारतीय लोककथाओं को चित्रों में जीवंत किया, जिससे भारतीय पारंपरिक कला को नई पहचान मिली।
गगनेन्द्रनाथ टैगोर (Gaganendranath Tagore) एक प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार थे, जो बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट से जुड़े थे, लेकिन उनकी शैली पश्चिमी प्रभावों और भारतीय पारंपरिक कला का अनूठा मिश्रण थी। उन्होंने सामाजिक व्यंग्य, क्यूबिज्म और भारतीय पौराणिक विषयों पर आधारित कई महत्वपूर्ण पेंटिंग्स बनाई थीं।
गगनेन्द्रनाथ टैगोर का प्रभाव भारतीय कला पर व्यापक रूप से देखा जाता है। उन्होंने भारतीय कलाकारों को पश्चिमी प्रभावों से मुक्त होकर अपनी सांस्कृतिक जड़ों की ओर लौटने की प्रेरणा दी। उनका कार्य आधुनिक भारतीय कला के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हुआ।
मृत्यु:- 1938में इनकी मृत्यु हार्ट अटैक से हो गई।
गगनेन्द्रनाथ टैगोर भारतीय चित्रकला के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर थे। उनकी कला न केवल सौंदर्यबोध का प्रतीक थी, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक चेतना को जागृत करने का माध्यम भी बनी। भारतीय आधुनिक कला में उनका योगदान अमूल्य है, और वे आज भी प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं।
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