अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

भगवान शिव (शंकर) की पूजा कैसे करें?
भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान माना जाता है। वे "भोलेनाथ" हैं, जो सच्ची भक्ति और श्रद्धा से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। शिव पूजा को विधि-विधान से करना अच्छा होता है, लेकिन अगर सरल तरीके से भी भक्ति की जाए, तो भगवान शिव कृपा करते हैं।भगवान शिव सभी मनो कामना पूरा करते हैं,यदि आप सच्चे हृदय से उनका नाम जपते हो।आइए जानते हैं शिव पूजन का क्या विधि विधान हैं।
सोमवार को शिव पूजा का विशेष महत्व होता है।
महा शिवरात्रि, श्रावण मास (सावन), प्रदोष व्रत और चतुर्दशी तिथि को भी शिव जी की पूजा शुभ मानी जाती है।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध होकर पूजा करें। ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) में की गई पूजा अधिक फलदायी होती है।
गंगाजल या शुद्ध जल
दूध
दही
घी
शहद
बेलपत्र (3 पत्तियों वाला)
धतूरा, आंकड़े के फूल, चंदन, भस्म
शमी के पत्ते और भांग
धूप, दीप और कपूर
फ्रूट और मिठाई (नैवेद्य के लिए)
घर में उत्तर-पूर्व दिशा में शिवलिंग या शिव प्रतिमा रखें।
किसी मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते हैं।
सबसे पहले गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से पंचामृत स्नान कराएं।
फिर से शुद्ध जल से स्नान कराएं।
बेलपत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा, भस्म और चंदन अर्पित करें।
दीपक जलाएं और धूप दिखाएं।
"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
रुद्राष्टकम, शिव चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र और शिव तांडव स्तोत्र पढ़ सकते हैं।
महामृत्युंजय मंत्र:
"ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥"
फल, मिठाई और पंचामृत का प्रसाद अर्पित करें।
शिव आरती करें:
"जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा।"
हाथ जोड़कर भगवान शिव से आशीर्वाद मांगें।
✅ बेलपत्र हमेशा उल्टा चढ़ाएं (चमकदार भाग शिवलिंग की ओर रखें)।
✅ तामसिक भोजन (मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज) से बचें।
✅ पूजा के बाद शिवलिंग पर कुमकुम या सिंदूर न चढ़ाएं।
✅ तुलसी के पत्ते शिव जी को न चढ़ाएं।
✅ नारियल का जल शिवलिंग पर न चढ़ाएं, बल्कि अलग से अर्पित करें।
अगर विस्तृत पूजा संभव न हो, तो केवल शुद्ध जल चढ़ाकर, "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें और बेलपत्र अर्पित करें। भगवान शिव केवल जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं।
धन और समृद्धि के लिए – सोमवार को शिवलिंग पर कच्चा दूध और जल चढ़ाएं।
संतान प्राप्ति के लिए – "ॐ सोमाय नमः" का जाप करें और शिव पार्वती की पूजा करें।
रोग और संकट नाश के लिए – महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
मानसिक शांति के लिए – शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत सरल है। सच्चे मन से जल अर्पित करना और "ॐ नमः शिवाय" का जाप करना ही पर्याप्त है। अगर श्रद्धा के साथ शिव की पूजा की जाए, तो वे भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
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