शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ

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  – शेयर बाजार में ओपन इंटरेस्ट (OI) क्या है? इसे समझें इंट्राडे ट्रेडिंग के संकेतों के साथ   प्रश्न : क्या ओपन इंटरेस्ट (OI) डेटा से किसी स्टॉक में इंट्राडे खरीदारी का सटीक संकेत उसी दिन सुबह या एक दिन पहले मिल सकता है? उत्तर है : हाँ, लेकिन कुछ शर्तों और विश्लेषण के साथ। 🔍 OI से इंट्राडे में संकेत कैसे मिलते हैं? ओपन इंटरेस्ट का उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग में सपोर्ट-रेजिस्टेंस, ब्रेकआउट, और ट्रेडर सेंटिमेंट को पकड़ने के लिए किया जाता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं: 📈 1. OI और प्राइस मूवमेंट का संयोजन Price OI Interpretation भाव बढ़े बढ़े नया पैसा आ रहा है, ट्रेंड मजबूत Bullish संकेत घटे बढ़े शॉर्ट बिल्ड-अप हो रहा है Bearish संकेत बढ़े घटे शॉर्ट कवरिंग हो रही है Bullish लेकिन अल्पकालिक घटे घटे लॉन्ग अनवाइंडिंग हो रही है Bearish लेकिन अल्पकालिक उदाहरण: अगर किसी स्टॉक में प्री-मार्केट या पहले 15 मिनट में तेजी है और साथ में OI बढ़ रहा है , तो इसका अर्थ है कि ट्रेडर नई लॉन्ग पोजिशन बना रहे हैं – इंट्राडे बाय का संकेत। ⏰ 2. OI का डे...

Bhupen khakkar artist ki biography । भूपेन खक्कर आर्टिस्ट की जीवनी

 भूपेन खक्कर का जन्म दस मार्च उन्नीस सौ चौतीस(10मार्च 1934)को मुंबई में हुआ था ,उसकी माता के परिवार में कपड़े

रंगने का काम होता था,उनके पिता का परिवार दमन द्वीप में था।मुंबई आने पर उनके पिता ने एक छोटे से कपड़े

Bhupen khakkar artist ki biography

की दुकान खोलें,भूपेन के छोटे उम्र में ही उनके पिता का देहांत हो गया,इस विकट परिस्थिति में उनकी बहन ने घर की जिम्मेदारी संभाली और भूपेन को अपनी फैक्ट्री में काम दिया और आर्थिक मजबूती प्रदान की।

  इन विषम परिस्थितियों में रहते हुए सन 1953में भूपेन ने इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की ,भूपेन पढ़ाई के साथ जल  रंगों में भी चित्र बनाते थे,ग्राफिक विधि के अध्ययन के लिए वह जे के स्कूल ऑफ आर्ट  की सायंकालीन   कक्षाओं में प्रवेश लिया।

  उन्होंने अर्थशास्त्र में बी ए किया, उन्होंने बी काम किया और पूरे विश्वविद्यालय में टॉप किया,वह दस वर्ष तक अध्ययन के बाद  चार्टड अकाउंटेड बने,उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेड की एक फर्म में नौकरी भी की पर कुछ दिन बाद काम में मन नहीं भरा उन्होंने उस नौकरी को सन 1962 में छोड़ दिया,और बडौदा विश्वविद्यालय के कला विभाग में दाखिला लिया।

बडौदा में इनके गुरु थे शंखों चौधरी और के जी सुब्रमण्यम,यहीं पर उनके साथ पढ़ने वाले क्लासमेट विवान सुंदरम से प्रगाढ़ मित्रता हुई ,और जीवन भर भूपेन खक्कर विवान सुंदरम मित्र रहे।

 भूपेन  बड़ी संख्या में ड्राइंग पेंटिंग करने लगे उनका चित्र प्रेम बहुत गहरा था,भूपेन अपने चित्रों में  कैलेंडरों का प्रयोग करने लगे,भूपेन अपने चित्रों में लोकप्रिय कैलेंडरों का प्रयोग किया इसके पहले किसी कलाकार ने नहीं किया था,इसमें लोक देवी देवताओं के चित्र बनाए।वह विषयों को बहुत ही सरल ढंग से प्रस्तुत करते थे।खक्कर द्वारा चित्रित समाज के चित्रण लोकप्रिय हुए ,जिसमें सामान्य जीवन की ट्रेजेडी और सामान्य जीवन के सौंदर्य रूप दोनों को  बखूबी उकेरा गया है। भूपेन खक्कर के चित्रों की प्रमुख विशेषता ये भी है कि उन्होंने समलैंगिक पुरुष संबंधों को अपने चित्रों में बहुतायत रूप से चित्रांकित किया है।

Bhupen khakkar artist ki biography
(तुम सबको खुश नहीं रख सकते)

उनके प्रमुख चित्रों में तुम सबको खुश नहीं रख सकते,जिसमें एक व्यक्ति नग्न पीठ किए दो अन्य व्यक्ति जो गधे के साथ खड़े हैं उनको गौर से देख रहा है ।

 अन्य चित्र में जनता वॉच रिपेयरिंग 1972

यू कांट प्लीज आल 

पोट्रेट ऑफ शकर भाई पटेल

नियर रेडफोर्ड

भूपेन की पहली एकल प्रदर्शनी मुंबई में हुई

भूपेन को 1984 में  पद्मश्री से सम्मानित किया गया

भूपेन का निधन 8अगस्त 2003 को हुआ।

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