Body Fitness Exercise बॉडी फिटनेस एक्सरसाइज

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   मित्रों आज मैं आपको अपनी बॉडी के फिटनेस के लिए कुछ एक्सरसाइज बताने जा रहा हूँ ,जिससे आप न केवल शारीरिक रूप से फिट रहेंगे बल्कि आपके मसल्स भी मजबूत होंगे ,जरूरी नहीं कि आप जिम जाकर ही अपने फ़िटनेस को मेनटेन करें ,बल्कि घर मे रहकर नियमित एक्सरसाइज से आप खुद को न केवल दिन भर के लिए एनरजेटिक बना सकते हो ,बल्कि आप  अपने शरीर को सुडौल भी बना सकते हो और शरीर को स्फूर्तिवान बना सकते हो। 1-दौड़(RUN) आपके लिए दौड़ आपके शरीर की सम्पूर्ण एक्सरसाइज मुख्य भाग है , एक बार यदि 100 मीटर की दौड़ भी तेजी से लगा लेते हो तो आप के ब्लड का पूरा सर्कुलेशन एक बार मे तेजी से हो जाता है ,जिससे आपके सारे आंतरिक ऑर्गन में पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंच जाती है। जिसके कारण  व्यक्ति की इम्युनिटी पावर में  बृद्धि होती है ,बल्कि शरीर के Bones भी मजबूत होते हैं Running या दौड़ लगाना शरीर को फिट रखने का एक बेहतरीन उपाय है ,यह आपके शरीर के प्रत्येक ऑर्गन को स्वस्थ रखता है ,यदि आप प्रतिदिन आधा घण्टा ही जॉगिंग करने और दौड़ने में लगाते हैं तो आप खुद को कई जानलेवा रोग से बचाते है ,इन रोगों का जन्म तब होता है जब ...

Bhupen khakkar artist ki biography । भूपेन खक्कर आर्टिस्ट की जीवनी

 भूपेन खक्कर का जन्म दस मार्च उन्नीस सौ चौतीस(10मार्च 1934)को मुंबई में हुआ था ,उसकी माता के परिवार में कपड़े

रंगने का काम होता था,उनके पिता का परिवार दमन द्वीप में था।मुंबई आने पर उनके पिता ने एक छोटे से कपड़े

Bhupen khakkar artist ki biography

की दुकान खोलें,भूपेन के छोटे उम्र में ही उनके पिता का देहांत हो गया,इस विकट परिस्थिति में उनकी बहन ने घर की जिम्मेदारी संभाली और भूपेन को अपनी फैक्ट्री में काम दिया और आर्थिक मजबूती प्रदान की।

  इन विषम परिस्थितियों में रहते हुए सन 1953में भूपेन ने इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की ,भूपेन पढ़ाई के साथ जल  रंगों में भी चित्र बनाते थे,ग्राफिक विधि के अध्ययन के लिए वह जे के स्कूल ऑफ आर्ट  की सायंकालीन   कक्षाओं में प्रवेश लिया।

  उन्होंने अर्थशास्त्र में बी ए किया, उन्होंने बी काम किया और पूरे विश्वविद्यालय में टॉप किया,वह दस वर्ष तक अध्ययन के बाद  चार्टड अकाउंटेड बने,उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेड की एक फर्म में नौकरी भी की पर कुछ दिन बाद काम में मन नहीं भरा उन्होंने उस नौकरी को सन 1962 में छोड़ दिया,और बडौदा विश्वविद्यालय के कला विभाग में दाखिला लिया।

बडौदा में इनके गुरु थे शंखों चौधरी और के जी सुब्रमण्यम,यहीं पर उनके साथ पढ़ने वाले क्लासमेट विवान सुंदरम से प्रगाढ़ मित्रता हुई ,और जीवन भर भूपेन खक्कर विवान सुंदरम मित्र रहे।

 भूपेन  बड़ी संख्या में ड्राइंग पेंटिंग करने लगे उनका चित्र प्रेम बहुत गहरा था,भूपेन अपने चित्रों में  कैलेंडरों का प्रयोग करने लगे,भूपेन अपने चित्रों में लोकप्रिय कैलेंडरों का प्रयोग किया इसके पहले किसी कलाकार ने नहीं किया था,इसमें लोक देवी देवताओं के चित्र बनाए।वह विषयों को बहुत ही सरल ढंग से प्रस्तुत करते थे।खक्कर द्वारा चित्रित समाज के चित्रण लोकप्रिय हुए ,जिसमें सामान्य जीवन की ट्रेजेडी और सामान्य जीवन के सौंदर्य रूप दोनों को  बखूबी उकेरा गया है। भूपेन खक्कर के चित्रों की प्रमुख विशेषता ये भी है कि उन्होंने समलैंगिक पुरुष संबंधों को अपने चित्रों में बहुतायत रूप से चित्रांकित किया है।

Bhupen khakkar artist ki biography
(तुम सबको खुश नहीं रख सकते)

उनके प्रमुख चित्रों में तुम सबको खुश नहीं रख सकते,जिसमें एक व्यक्ति नग्न पीठ किए दो अन्य व्यक्ति जो गधे के साथ खड़े हैं उनको गौर से देख रहा है ।

 अन्य चित्र में जनता वॉच रिपेयरिंग 1972

यू कांट प्लीज आल 

पोट्रेट ऑफ शकर भाई पटेल

नियर रेडफोर्ड

भूपेन की पहली एकल प्रदर्शनी मुंबई में हुई

भूपेन को 1984 में  पद्मश्री से सम्मानित किया गया

भूपेन का निधन 8अगस्त 2003 को हुआ।

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