अतुल डोडिया: भारतीय समकालीन कला का एक चमकता सितारा

शेयर बाजार क्या है? क्या शेयर बाजार में लोग पैसा निवेश करने के बाद कई गुना मुनाफा कमाकर धनवान बन रहे ,ये प्रश्न आज के युवकों के प्रश्न में आते रहते है जो आज रोजगार युक्त हैं और अपने धन के सुरक्षित निवेश के लिए प्रयत्न कर रहे है क्योंकि बैंक में धन निवेश करने फिक्स डिपाजिट में पैसा निवेश करने से लाभ नहीं दिख रहा क्योंकि बैंक में FD की दरें लगातार गिर रही है।
तब आती है धन निवेश के अन्य उपाय जैसे गोल्ड में निवेश या फिर शेयर या म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश जहां से अधिक धन निवेश करने के बाद प्राप्त हो सके।
शेयर बाज़ार हमारे अनुमान से उन व्यक्तियों के लिए लाभदायक है जो अर्थशास्त्र के बेसिक नियमों को जानते हैं ,वो दुनिया के देशों के बारे में जानते हैं उनकी इकॉनमी के बारे में जानते है ,वो जानते हैं कि कौन से देशों की अर्थव्यवस्था स्थिर रहती है ,कौन से देश तेल उत्पादक हैं,किन देशों में इस्पात बनाने में मुख्य भूमिका है,किन देशों की शेयर बाजार का प्रभाव भारत के शेयर बाज़ार पर पड़ता है।
इसके बाद भारत के शेयर बाजार की जानकारी होनी चाहिए कितने प्रकार के इंडेक्स है,अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज नैस्डेक हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज,मल्टी कमोडिटी एस्टाक एक्सचेंज ,बैंक निफ़्टी,निफ़्टी,सेंसेक्स ,विभिन्न अलग अलग शेयर के अलग अलग सूचकांक होते हैं। शेयर बाजार में उतार चढ़ाव क्यों आते हैं । विश्व की अर्थव्यवस्था का भारत के शेयर बाजार में प्रभाव ,साथ में भारत की अर्थव्यवस्था में पेट्रोल/डीजल/गैस का प्रभाव।
शेयर बाजार से धन अर्जित करने के लिए इच्छुक हर व्यक्ति को समझ लेना चाहिए कि धन निवेश करने के बाद निफ़्टी बैंक निफ़्टी या अन्य सूचकांक कई सप्ताह तक गिरे हुए रह सकते हैं , शेयर बाजार में गिरावट एक मात्र अफवाह से भी आ जाती है । जैसे कोविड के अन्य देश चीन जापान के फैलने की खबर के बाद शेयर बाज़ार धड़ाम हो गया क्योंकि लोंगों ने वापस अपने पैसे निकालने शुरू कर दिया।
इसलिए शेयर बाजार में कदम रखने के पहले आपको कितना रिस्क उठाना है उसकी क्षमता को बढ़ाना होगा हो सकता है कि आपके द्वारा यदि 5 लाख निवेश किया जाए तो शेयर बाजार गिरते ही आपका नुकसान एक दिन में 50 हजार से एक लाख तक हो जाये ,गिरावट का वैश्विक मंदी के कारण भी होती है जैसे यूक्रेन युद्ध के बाद से पश्चिमी देशों को अनुमान है कि एक बड़ी की आहट यूरोपीय देशों में आ रही है। इसलिए अमेरिकी शेयर बाजार (NASDAQUE )नैस्डैक में गिरावट दिखती आ रही है।
अमेरिका में 2025 में ट्रंप की वापसी से उनकी टैरिफ पॉलिसी में बदलाव आया ,उन्होंने हर देश में बराबर का टैरिफ लेने की घोषणा के बाद ,विदेशी निवेशक यानी FII ने भारत के शेयर बाजार से निवेश निकालकर अमेरिकी बाजार में ही निवेश शुरू किया ,कुछ निवेशक चीन चले गए क्योंकि भारत के निफ्टी उन्हें ओवरवैल्यूड लगी,शेयर बाजार के fii के हटते ही आज भारत का शेयर बाजार बाईस साल के न्यूनतम स्तर पर आ गया है,जो शेयर बाजार सितंबर 2024 में निफ्टी छब्बीस हजार तक पहुंच गया था आज बाईस हजार तक पहुंचने की आशंका है।
निष्कर्ष -- निष्कर्ष ये है कि शेयर बाजार से अकूत संपति अर्जित करने की बात बताने वाले इस बाजार के अंदर विद्यमान जटिल बाधाओं यानी भयंकर रिस्क की चर्चा ही नहीं करते ।
परंतु यदि आप सूझबूझ से कुछ चुनिंदा शेयर्स के पोर्टफ़ोलियो बनाकर निवेश करते हो तो दीर्घावधि में यानी दस से पंद्रह सालों में आप बैंक के फिक्स डिपाजिट से बेहतरीन लाभ अर्जित कर सकते हो।
परंतु यदि आप स्विंग ट्रेडिंग करते हो यानी शार्ट टर्म के शेयर खरीदते और बेचते हो तो भी कोई अधिक फायदा नहीं मिलता क्योंकि शेयर बाजार के मासिक उतार चढ़ाव में भी ज्यादा अंतर नहीं आता।
इंट्राडे में निवेश करने पर तो 95 प्रतिशत संभावना होती है कि शेयर में नुकसान उठाना ही पड़ सकता है।
इसी तरह ऑप्शन ट्रेडिंग वाले 95 प्रतिशत निवेशक अपना निजी धन भी डूबा लेते हैं।
इसलिए शेयर बाजार में उतरने के बाद तुरंत ही खरीद फ़रोख़्त मत करें।अन्यथा अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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