RTPCR ka full form kya hai| RTPCR क्या है
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RTPCR का full form क्या है।
R-Reverse
T-Transcription
P-Polymer
C-Chain
R-Reaction
आरटी-पीसीआर किसी भी रोगज़नक़ में विशिष्ट आनुवंशिक सामग्री और उसमे उपस्थित वायरस की उपस्थिति का पता लगाने के लिए एक परमाणु-व्युत्पन्न विधि है।
मूल रूप से इस विधि ने निश्चित कर दिए गए आनुवंशिक सामग्रियों का पता लगाने के लिए रेडियोधर्मी आइसोटोप मार्करों का उपयोग किया था ।
लेकिन बाद में रिसर्च ने विशेष मार्करों के साथ प्रयोग होने लगे फ्लोरेसेंट रंजक का प्रयोग होने लगा।
यह तकनीक वैज्ञानिकों को प्रक्रिया को जारी रखते हुए लगभग तुरंत परिणाम देखने की अनुमति देती है, जबकि पारंपरिक आरटी-पीसीआर केवल प्रक्रिया के अंत में परिणाम प्रदान करता है।
वास्तविक समय RT-PCR COVID-19 वायरस का पता लगाने के लिए सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली प्रयोगशाला विधियों में से एक है।
जबकि कई देशों ने अन्य बीमारियों के निदान के लिए वास्तविक समय RT-PCR का उपयोग किया है, जैसे कि Ebola वायरस और Zika वायरस, कई को COVID-19 वायरस के लिए इस पद्धति को अपनाने में समर्थन की आवश्यकता है, साथ ही साथ अपनी राष्ट्रीय परीक्षण क्षमता बढ़ाने में भी।
वायरस क्या है? आनुवंशिक सामग्री क्या है?
एक वायरस प्रोटीन से बनी कोशिका झिल्ली से घिरा हुआ आनुवंशिक पदार्थ का एक सूक्ष्म पैकेज है। यह आनुवंशिक सामग्री या तो डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (डीएनए) या राइबोन्यूक्लिक एसिड (आरएनए) हो सकता है।
डीएनए एक दोहरा -स्ट्रैंड अणु है जो सभी जीवों, जैसे कि जानवरों, पौधों और वायरस में पाया जाता है और जो कि इन जीवों को कैसे बनाया और विकसित किया जाता है, इसके लिए आनुवंशिक कोड या ब्लूप्रिंट रखता है।
आरएनए आम तौर पर एक- लड़ी (single strand) अणु है जो आनुवंशिक कोड के कुछ हिस्सों को प्रोटीन के रूप में कॉपी करता है, और प्रसारित करता है ताकि वे जीवों को जीवित रखने और विकसित करने वाले कार्यों को व्यवस्थित और व्यवस्थित कर सकें। आरएनए की विभिन्न विविधताएं नकल, प्रतिलेखन और संचारण के लिए जिम्मेदार हैं।
RTPCR जांच कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए किया जाता है ,सामान्यता एंटीजन टेस्ट में जब कोरोना संक्रमण नही पता लग पता है और रिपोर्ट निगेटिव आती है और मरीज़ की हालत में लक्षण दिखाई देते है तब RTPCR जांच की जाती है।
इसकी जांच के लिए नाक और गले से स्वैब निकाला जाता है ,उसको लैब में भेजा जाता है ,सामान्य अवस्था मे 8 घण्टे से दस घण्टे लगते हैं इसकी जांच करने में ,इसलिए मरीज को दो दिन बाद मालूम हो पाता है कि वो संक्रमित है या नहीं ,कोरोना का वायरस उसके शरीर में है या नहीं । कोविड के दूसरी लहर में डबल म्यूटेंट वायरस तो RTPCR की जांच में भी चकमा दे रहा है करीब 30 प्रतिशत मामलों में देखा गया है कि कोरोना संक्रमण के लक्षण उभर रहे हैं पर पर वायरस पकड़ में नहीं आ रहा है।
कई मरीजों के गले मे खराश,तेज बुख़ार तथा ऑक्सीजन सैचुरेशन (एस .पी .ओ .टू ) 90 से 80 के बीच होता है ,उनकी RTPCR जांच कराई जाती है तो सिर्फ 70 प्रतिशत में संक्रमण की पुष्टि होती है ,शेष 30 प्रतिशत में रिपोर्ट निगेटिव आ रही है।
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