ए ए अलमेलकर ( A.A Almelkar) की जीवनी एक भारतीय चित्रकला परंपरा के सजग संरक्षक

इस एक्सरसाइज में प्रारम्भ में आपको समस्या आ सकती है परंतु धीरे धीरे रोज़ाना अभ्यास से ये बहुत सरल लगने लगता है। प्रारम्भ में आप इसको करने में किसी चीज का सहारा लेकर कर सकते हैं ,परंतु बाद में आप धीरे धीरे बिना सहारे का अभ्यास कर सकते हैं।
इस एक्सरसाइज की विशेषता यह है कि इसे कहीं भी बिना इक्विपमेंट के भी किया जा सकता है।
यह एक्सरसाइज केवल शरीर के एक भाग को ही मजबूत नही करता बल्कि पूरे शरीर को संतुलित रूप से मजबूत करता है,साधारण तौर पर ऐसा लगता है कि इस एक्सरसाइज से केवल टाँगों(legs)को मज़बूती मिलती है परंतु ऐसी बात नहीं है इस एक्सरसाइज से पूरा शरीर ही फिट रहता,इससे हर मसल्स और जोड़ को ताकत मिलती है।
Squat व्यायाम बहुत ही सरल व्यायाम है ,यदि आप घर से बाहर है तब भी बिना किसी इंस्टूमेंट के आप इस एक्सरसाइज को कर सकते है । ये एक बैठक की तरह ही है पर थोड़ा सा संतुलन और फैलाव और मांसपेशियों के खिंचाव के मामले में थोड़ा भिन्न है।
Squat एक्सरसाइज में सबसे पहले आपको सीधा खड़ा होना है ,अपने पैरों को इस तरह फैलाना है कि वो आपके दोनो कंधों के बीच की दूरी के बराबर हो ,पैर के पंजे बाहर की ओर निकले हो , अपने पैरों के पंजे को ऐड़ीयों के बल पर ज़मीन पर चिपकाएं ,जिससे squat करते वक्त पंजे अंदर की तरफ़ न खिसकें ।
उसके बाद अपने हांथो को आगे फैलाएँ ,अपने टाँगों(legs) के बल बैठते हुए पीछे आएं ,अपने बटक के बल पीछे कुर्सी नुमा खुद को बैठाने की पोजीशन में लाएं , इस स्थिति में ये आधा बैठा हुआ हिस्सा ज़मीन के समानांतर होना चाहिए ,इस पोजीशन में एक सेकंड रहे , उसके बाद फिर शरीर को एड़ी से दबाते हुए ऊपर उठाएं।
इस एक्सरसाइज से शरीर की मासपेशियां मजबूत होती हैं ,यह अभ्यास किसी एक मांसपेशी को मजबूत नहीं करता बल्कि मांशपेशियों को सामूहिक ताक़त प्रदान करता है ,इस अभ्यास से जांघ की मांसपेशियां (क्वाड्रिशेप्स) तथा नितम्ब या बटक की मांसपेशियां(ग्लुटस) मजबूत होती हैं,इसके साथ ही घुटने के आसपास की मांसपेशियों में मजबूती आती है ,घुटनों के जोड़ों में स्थित कार्टिलेज को मजबूती मिलती है , जिससे बृद्ध होने के बाद जब धीरे धीरे जोड़ों में दर्द शुरू होने लगता है वो नहीं हो पाता , बृद्ध होने पर अचानक हड्डियां कमजोर और खोखली होने लगती है जिसे मेडिकल भाषा मे ऑस्टियोपोरिसीस कहते हैं ,उससे बचा जा सकता है।
जब आप sqaut अभ्यास करते हैं तब आप के बटक मजबूत होते हैं , उसको एक निश्चित आकार देता है ,जिन व्यक्तियों और महिलाओं के नितंब अंदर की तरफ़ दबे होते है ,वो शारीरिक रूप से कमज़ोर तो दिखते ही हैं साथ में वो लगातार कोई कार्य करने में शीघ्र थक जाते हैं क्योंकी शारीरिक रूप से असंतुलित रहते हैं।
यह अभ्यास आपके एब्स को भी मजबूत बनाता है।
इस एक्सरसाइज को करने से 50 से 600 कैलोरी ऊर्जा की जरूरत पड़ती है ,ये ऊर्जा आपके शरीर मे एकत्र चर्बी या फैट को जलाती है ,जिससे पेट आदि जगह में एकत्र फैट को कम करता है।
इस एक्सरसाइज से muscles और लिगामेंट्स को मजबूती मिलती है, जब एथलिटिक कार्यों में शरीर कहीं से चोटिल हो जाता है,तो इस अभ्यास से धीरे धीरे आंतरिक चोट ठीक हो जातीं हैं ।
Squat एक्सरसाइज से शारीरिक रूप से हर अंग में संतुलन का अभ्यास होता है ,इस एक्सरसाइज को जब हम करते है तो मस्तिष्क से पैरों और पीछे के भाग में संतुलन का संदेश रोजाना मिलता है।इस प्रक्रिया से कुछ दिन बाद हमारा शरीर किसी भी समय और परिस्थिति में खुद को संतुलित रखना सीख जाता है ,इस एक्सरसाइज के बाद यदि आप ऊंची कूद,लंबी कूद करते हैं या फिर ऊंची नीची जगह में दौड़ने जैसे एथलिटिक कार्य करते हैं तो आप वहां पर बेबाक़ी से दौड़ पाने में सफ़ल रहते हैं।
स्क्वाट करते समय कुछ सावधानियां भी बरतना चाहिए।
इस प्रकार हम देखते है कि squat व्यायाम को यदि हम रोजाना करते है तो हम आज तो खुद को फिट और सुडौल तो बनाते ही है साथ मे हम आने वाली बृद्धावस्था के लिए खुद के पैरों और हड्डियों को मज़बूती प्रदान करते हैं।
Nice Sir👍👍👍👍👏👏
ReplyDeleteहमारे ब्लॉग पर भी आइए आपका हार्दिक स्वागत है और अपनी राय व्यक्त कीजिए!
Nice Article
ReplyDeleteNice post
ReplyDeleteNice article
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