धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवनी हिंदी में Dheerendra Krishna Shastri Biography Hindi me

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  Dheerendra Krishna Shastri का नाम  सन 2023 में तब भारत मे और पूरे विश्व मे विख्यात हुआ जब  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा नागपुर में कथावाचन का कार्यक्रम हो रहा था इस दौरान महाराष्ट्र की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव उनके द्वारा किये जाने वाले चमत्कारों को अंधविश्वास बताया और उनके कार्यो को समाज मे अंधविश्वास बढ़ाने का आरोप लगाया। लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी संबोधित करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चमत्कारी शक्तियों के कारण लोंगो के बीच ये बात प्रचलित है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी के अवतार हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन (Childhood of Dhirendra Shastri)  धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर के ग्राम गढ़ा में 4 जुलाई 1996 में हिन्दु  सरयूपारीण ब्राम्हण परिवार  में हुआ था , इनका गोत्र गर्ग है और ये सरयूपारीण ब्राम्हण है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है व माता का नाम सरोज गर्ग है जो एक गृहणी है।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक छोटा भाई भी है व एक छोटी बहन भी है।छोटे भाई का न

R A W का फुल फॉर्म क्या है?RAW का क्या काम है ?

 RAW का फुल फॉर्म है-Reserch And Analysis Wing

RAW का  फुल फॉर्म  रिसर्च एंड एनालिसिस विंग है।  RAW भारत की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है। रॉ एजेंसीय के निर्माण से पूर्व विदेशी डेटा को एकत्र करने का कार्य आई .बी . करती थी।


1962 में भारत-चीन युद्ध में भारत के हार के बाद तत्कालीन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक सक्रिय गुप्तचर एजेंसीय के निर्माण पर बल दिया और 1965 में भारत-पाक युद्ध के बाद भारतीय थल सेना सचिव जयंत नाथ चौधरी ने अधिक जानकारी एकत्र करने की जरूरत बताई जो युद्ध के पूर्व और युद्ध के समय पड़ोसी देश की सही जानकारी देता रहे अतः भारत सरकार को एक ऐसी गुप्तचर एजेंसीय के निर्माण की जरूरत हुई जो लगातार विदेशों में और मुख्यता पड़ोसी देशों से सैन्य और राजनीतिक टेररिस्ट संगठनों की जानकारी सक्षमता से दे सके।

R A W का फुल फॉर्म क्या है
【 RAW का लोगो】



   1968 में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ये निश्चित किया गया कि पूर्णतयः अलग सुरक्षा संस्था की जरूरत है।  RAW का गठन सितंबर 1968 में नई दिल्ली, भारत में प्रधान कार्यालय के साथ रामेश्वर नाथ काव के मार्गदर्शन में किया गया था।  रामेश्वर नाथ काव ही  रॉ के पहले निदेशक थे।

    वास्तव में   RAW सीधे भारतीय PMO (प्रधान मंत्री दफ़्तर) के दस्तावेजों के लिए जवाबदेह नहीं है।


 RAW को विकसित करने का मुख्य कारण भारत की खुफिया समिति का पाकिस्तान और चीन के खिलाफ लड़ाई में खराब प्रदर्शन था। 

     RAW एजेंसी के नए निदेशक का नाम सामंत कुमार गोयल है , वह 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और 26 जून 2019 को चुने गए थे। अनिल धस्माना रॉ एजेंसी के पूर्व निदेशक थे।

रॉ का गठन अमेरिका की जासूसी संस्था CIA ,इज़राइल के जासूसी संस्था मोसाद और ब्रिटेन की जासूसी संस्था MI-6 की तर्ज पर किया गया है ।

रॉ के ऑफिसियल समय समय पर अमेरिका,यू के ,इज़राइल में ट्रेनिंग के लिए जाते हैं।


 रॉ एजेंसी के मुख्य उद्देश्य:


1- विदेशी खुफिया जानकारी एकत्र करना।


2- काउंटर प्रसार को प्रोत्साहित करना।


3- सक्रिय रूप से आतंकवाद निरोध में भाग लेते हैं।


 4-भारतीय नीति निर्माताओं का मार्गदर्शन करना।


5- भारत के अंतर्राष्ट्रीय रणनीतिक हितों का विकास करना।

6- अंतर राष्ट्रीय जनता के मन में भारत के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का निर्माण करना।
7-पाकिस्तान को ज्यादातर यूरोपीय देशों अमेरिका, चीन ,रुस से मिल रही सैन्य मदद को नियंत्रित करना।

 इतिहास:


     1962 में चीन के खिलाफ लड़ाई में खुफिया कार्यालय का कमजोर प्रदर्शन  था इसके कारण ही भारत को सटीक सूचना नहीं मिल सकी और भारत की 1962 भारत -चीन युद्ध  में हार का सामना करना पड़ा इसके बाद 1965 में पाकिस्तान से हुए युद्ध मे  रॉ की स्थापना के पीछे सबसे महत्वपूर्ण आधार था भारत को विदेशी सैन्य गतिविधि और उनके पूरे प्लान की जानकारी लगातार होती रहे।


  पूर्णतया एक संगठन के रूप में RAW को रामेश्वर नाथ काव  के प्रबंधन के तहत सितंबर 1968 में विकसित किया गया था।


 RAW ने मुख्य खुफिया सेवा की एक शाखा के रूप में 250 कर्मचारियों और लगभग 20 मिलियन के वार्षिक बजट के साथ शुरुआत की।

सिक्किम को भारत मे शामिल करने का श्रेय RAW को जाता है क्योंकि RAW ने ही वहाँ के नागरिकों को प्रो इंडियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


 सत्तर के दशक के शुरुआती वर्षों में RAW का वार्षिक बजट लगभग 300 मिलियन तक बढ़ गया था, जबकि इसके कर्मचारियों और कर्मचारियों की संख्या कुछ हज़ार थी।


 काव ने सरकार को 1971 में एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) की स्थापना के लिए राजी किया था।


 वर्ष 1970 और 1990 में रेडियो रिसर्च सेंटर और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेक्नोलॉजी सुविधाओं को रॉ में पेश किया गया था।


  इस तरह रॉ भारत की मुख्य खुफिया एजेंसीय है जो विदेशों में भारत के ख़िलाफ़ होने वाली आक्रामक गतिविधियों तथा उनकी पूर्व प्लानिंग की जानकारी एकत्र करते हैं।

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