CBSE का full form क्या है , CBSE का क्या मतलब है।
CBSE का full form है -- Central Board of Secondery Education
हिंदी में--केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
भारत मे आधुनिक शिक्षा व्यवस्था की शुरुआत ब्रिटिश पीरियड से ही हो गई थी ,उस समय शिक्षा का प्रसार जनसंख्या के बहुत कम हिस्से तक ही पहुंच पाया था , मैकाले शिक्षा पद्धति के प्रयोग के बाद समय समय पर ब्रिटिश सरकार द्वारा शिक्षा में सुधार होते रहे ,1947 तक आते आते देश भर में कई माध्यमिक विद्यालय भी बन चुके थे ,उनको सब को आजादी के बाद संगठित करने की आवश्यकता महसूस हुई ,जिसके तहत देश के आज़ादी के बाद देश के सभी विद्यालयों में सुचारू और समान शिक्षा पद्धति की जरूरत महसूस हुई 1957 में शिक्षा बोर्ड का गठन हुआ और 3 नवंबर 1962 को इसे पुनर्गठित करके CBSE की स्थापना हुई , आज CBSE देश के सार्वजनिक और निजी स्कूलों के लिए नीतिगत उपाय, शिक्षण कौशल में विकास, देश भर में दसवीं और बारहवीं के परीक्षाओं को करने की जम्मेदारी उठाता है और साथ मे कभी कभी सेंटर गवर्नमेंट किसी अन्य exam की भी इसी बोर्ड से आयोजित करवाता है।
CBSE ,यानी सेकंडरी बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन , सी बी एस ई उन स्कूलों को affliation देता है, CBSE बोर्ड मार्च महीने में हर साल दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं आयोजित करता है ।
CBSE का मुख्यालय दिल्ली में है परंतु दस क्षेत्रीय विद्यालय भी इसके लिए आयोजित किये गए है जो परीक्षा के पूर्व और परीक्षा के बाद क्षेत्रीय स्तर पर exam के प्रबंधन में दिल्ली के हेड आफिस की सहायता करते हैं। क्षेत्रीय मुख्यालय मेंहै,चेन्नई,दिल्ली,गुवाहाटी,प्रयागराज(इलाहाबाद),पंचकूला, अज़मेर, देहरादून, पटना,तिरुअनंतपुरम और भुवनेश्वर में स्थापित हैं ।
CBSE द्वारा इस समय भारत भर में 19316 विद्यालय है और विदेश में 25 विभिन्न देशों में भी इसके विद्यालय हूं। इस बोर्ड के अंतर्गत जवाहर नवोदय विद्यालय , और दिल्ली बोर्ड के विद्यालय भी आते हैं।
CBSE की स्थापना के उद्देश्य--
धेय्य वाक्य ---असतो मा सद्गमय
- इस बोर्ड की स्थापना का उद्देश्य शिक्षा में सुधार और शिक्षकों के शिक्षण कौसल को अद्यतन(update) रखना।
- दसवीं बारहवीं के अंतिम परीक्षा का आयोजन शान्तिपूर्वक और प्रक्रियागत रूप से कराना।
CBSE का मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता से समझौता किये बिना तनावमुक्त बलकेन्द्रित शिक्षा के लिए शिक्षण उपयुक्त शिक्षण पद्धति को लागू करना ,जो शिक्षा के मूल उद्देश्यों को प्राप्त कर सके।
- केंद्रीय कर्मचारियों का ट्रांसफर एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश होता रहता है इस स्थिति में उनके पाल्य और संतानों को बिना किसी रुकावट के शिक्षण में सहूलियत प्रदान करना।
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