CRPC बनाम BNSS 2023: जूनियर डिवीजन कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण धाराओं का तुलनात्मक विश्लेषण

  CRPC बनाम BNSS 2023: जूनियर डिवीजन कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण धाराओं का तुलनात्मक विश्लेषण भूमिका: क्यों जरूरी है BNSS 2023 की समझ? भारत की आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), जो दशकों से देश की न्याय प्रणाली की रीढ़ थी, को अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 से प्रतिस्थापित किया गया है। इसके साथ ही भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 ने IPC की जगह ली है। जूनियर डिवीजन कोर्ट में कार्यरत अधिवक्ताओं के लिए यह बदलाव विशेष महत्व रखता है , क्योंकि यहाँ पुलिस कार्यवाही, गिरफ्तारी, जमानत, चार्जशीट, समन, और मुकदमे की सुनवाई जैसे मामलों से जुड़ी प्रक्रियाएं अधिक सक्रिय रूप से सामने आती हैं। 1. पुलिस कार्यवाही और गिरफ्तारी से जुड़े प्रावधान पुरानी CrPC धारा BNSS 2023 धारा विषय मुख्य परिवर्तन 41 35 बिना वारंट गिरफ्तारी 7 वर्ष से कम सजा वाले मामलों में गिरफ्तारी के लिए सख्त शर्तें 41A 35(2) सूचना जारी करना गिरफ्तारी से पूर्व सूचना आवश्यक 41B 36 गिरफ्तारी की प्रक्रिया गिरफ्तारी में पारदर्शिता बढ़ाई गई 41D 39 वकील से मिलने का अधिकार अधिवक्ता की भूमिका क...

CRPF का full form क्या है ,CRPF क्या है?

CRPF का full form क्या है ,CRPF क्या है
CRPF का full form

नमस्कार मित्रों आज हम crpf के बारे में जानेंगे इस ब्लॉग में।

CRPF का full form क्या है ,CRPF क्या है?


Centre reserve police force--- 
सी.  आर. पी. एफ. (CRPF) सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है यह 27 जुलाई 1939 को क्राउन रिप्रेजेन्टेटिव पुलिस के रूप में अस्तित्व में आया था , परंतु भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद यह केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल बना और तब से इस बल की क्षमताओं और ताकत में बहुत ज़्यादा बृद्धि हुई है। इस समय इस फ़ोर्स में 195 एक्सक्यूटिव बटालियन,02 आपदा प्रबंधन  बटालियन, 3 महिला बटालियन,10 आर ए एफ  बटालियन,05  सिंगनल बटालियन,10 कोबरा बटालियन,1 स्पेशल ड्यूटी ग्रुप,1 पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप,40 ग्रुप सेण्टर,15 प्रशिक्षण संस्थान सहित कुल 226 बटालियन हैं, यह गृह मंत्रालय के अंतर्गत आदेशित होता है।
      सी आर पी एफ की प्राथमिक भूमिका, कानून व्यवस्था बनाये रखने में राज्यों की पुलिस कार्यवाही में सहायता करना,नक्सल पभावित राज्यों में नक्सल विरोधी कार्यवाही और विद्रोह के रोकथाम में राज्य की सहायता करना। निष्पक्ष चुनाव करवाने में सी आर पी ऍफ़ की तैनाती होती है, संसद भवन की रक्षा के लिए 2001 में इसकी तैनाती हुई। इसके अलावा वैष्णो मन्दिर की सुरक्षा  के लिए भी तथा कई अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए भी ये बल तैनात किया गया है।
  सी. आर. पी. एफ. की कुछ विशिष्ट  संरचनाएँ निम्नलिखित हैं। 
रैपिड एक्शन  फोर्स ---- 
सी. आर. पी.एफ की आर ए एफ की विंग में दस बटालियन हैं , साम्प्रदायिक दंगों से निपटने के लिए और घरेलू अशांति से निपटने के लिए  अक्टूबर 1992 में इसका गठन किया गया ,ये बल त्वरित कार्यवाही करने और तेज़ी से दंगो पर नियंत्रण करने में एक्सपर्ट बल है।
कोबरा बटालियन(कठोर कार्यवाही के लिए कमांडो)---
ये बल कमांडो ऑपरेशन के लिए होता है इस बल में सी आर पी एफ से कुछ चुनिंदा सिपाहियों को चयनित किया जाता है और इनको बेहद कठिन प्रशिक्षण के बाद तैनाती की जाती है ये बल सामान्यता तब भेजी जाती है जब किसी स्थान पर आतंकवादी छिपे होते है  , या नक्सलिस्ट कुछ घटना को अंजाम देने वाले होते हैं।
 स्पेशल ड्यूटी ग्रुप---
सी आर पी एफ की एक विशिष्ट यूनिट है जिसका कार्य एस पी जी संरक्षित जगहों पर सशस्त्र सुरक्षा प्रदान करना है इस ग्रुप में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की विभिन्न यूनिटों के कार्मिकों को शामिल किया जाता है,इसके सदस्यों को परमाणु हमला और जैव रासायनिक हमलों का मुकाबला करने,बचाव करने और व्यवहार प्रबंधन में प्रशिक्षित किया जाता है ।
पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप---इसकी स्थापना 2001 के संसद में हुए आतंकी हमले के बाद किया गया ,इसका कार्य संसद भवन  को सशस्त्र सुरक्षा प्रदान करना । इस ग्रुप में सी .आर. पी .एफ. की विभिन्न यूनिटों के 1540  कार्मिक शामिल हैं।

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