SEBI का फुल फॉर्म है securities exchange board of india
सेबी- भारतीय प्रतिभूति और विनियामक बोर्ड

सेबी की स्थापना भारत सरकार द्वारा SEBI act के section 3 द्वारा की गई है ,सेबी की स्थापना उन निवेशकों की सुरक्षा के लिए 12 अप्रैल 1988 को की गई , 30 जनवरी 1930 में सेबी अधिनियम संसद में पास हुआ इस अधिनियम से इस संस्था को वैधानिक दर्जा मिला । 25 जनवरी 1995 को भारत सरकार द्वारा सेबी को को पूंजी के निर्गमन ,प्रतिभूतियों के हस्तांतरण, तथा अन्य सम्बंधित मामलों में नियंत्रण की शक्ति प्रदान की गई। इस समय सेबी एक स्वायत संस्था है यानि वह अपने लिए कानून में बदलाव भी कर सकती है।
सेबी स्टॉक मार्किट पर निगरानी रखता है यदि कोई अवैधानिक कार्यवाहियां होती है तो वह इनके निगरानी के लिए अर्ध न्यायिक शक्तियां(Quasi judicial power ) रखती है। इन शक्तियो से वह निवेशकों के हितों की रक्षा करता है।
29 अक्टूबर 2002 से संसद में एक कानून बना जिसके तहत शेयर बाज़ार में गड़बड़ियों के दोषियों को और अधिक सजा के लिए सेबी को व्यापक अधिकार उपलब्ध कराता है ,इस अधिकार में सेबी इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए 25 करोङ तक जुर्माना लगा सकता है।18 जुलाई 2013 से एक अध्यादेश से सेबी को और अधिक अधिकार मिले हैं ,अब वो संस्थाये जो जनता से 100 करोङ रुपये तक जुटातीं है वो कंपनियां भी सेबी के दायरे में आएंगी ,अब सेबी को इस अध्यादेश से नियमों का पालन नही करने वाली कंपनियों के मालिकों को गिरफ्तार करने उनकी सम्पत्ति जब्त करने और कुर्की करने का अधिकार है,यह देश के और विदेश के नियामकों से सूचनाएं मांग सकता है।
इसकी वेबसाइट है--
www.sebi.gov. in
निशुल्क सहायता सेवा
(टोल फ्री नंबर)
1800 266 7575
संगठन-
सेबी में नौ सदस्य होते है ,जिनमे दो सदस्य केंद्रीय मंत्रालय द्वारा चुने जाते हैं ,एक रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया से चुना जाता है ,और पांच सदस्य केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त होते हैं ,इनमे से तीन सदस्य स्थाई होते हैं।2017 से नियुक्त अध्यक्ष अजय त्यागी हैं। इसके पहले 2011 से 2017 तक यू के शर्मा अध्यक्ष थे।
इसका एक मुख्यालय और चार क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
सेबी का मुख्यालय -मुम्बई में बांद्रा कुर्ला परिसर में
उत्तरी क्षेत्रीय कार्यालय-नई दिल्ली
दक्षिणी क्षेत्रीय कार्यालय-चेन्नई
पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय-कोलकाता
पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय-अहमदाबाद
इसके अन्य ऑफिस इस प्रकार है
1-कमोडिटी डेरीवेटिव मार्केट
2-निगम वित्त विभाग
3-डिपार्टमेंट ऑफ़ इकनोमिक पॉलिसी
4-विधि कार्य विभाग
5-मार्किट रेगुलेशन डिपार्टमेंट
6-डिपार्टमेंट ऑफ़ डेट एंड हाइब्रिड सिक्योरिटीज
7-ऑफिस ऑफ़ चेयरमैन
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