फैशन डिज़ाइनर बनने का सुनहरा भविष्य: एक निबंधात्मक गाइड
पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में कई अहम् बदलाव हुए ,जिसके कारण जॉब के नए रास्ते तैयार हुए हैं, इसलिए अब युवा सिर्फ डॉक्टरी ,इंजीनियरिंग में ही अपना कैरियर नहीं बना रहा बल्कि साथ में कुछ नए क्षेत्रों में अपने क़दम बढ़ा रहा है जिन क्षेत्रों में कुछ नया करने (Innovation)के लिए आसमान खुला हो और साथ में कुछ नई चुनौतियां भी सामनें आएं, इसलिए आज का युवा अपने तीक्ष्ण दिमाग़ का प्रयोग प्रौद्योगिकी में तेज़ी से आये बदलाव के साथ पैदा हुए रोज़गार के नए क्षेत्रों में कदमताल करना चाह रहा है,आजभौतिक और डिजिटल दुनिया में डिज़ाइन का क्षेत्र नए ट्रेन्ड के रूप में तेज़ी से उभरा है,आज हम घर से लेकर बहार हर क्षेत्र में कुछ नई नई डिज़ाइन की चीजें देखतें है जैसे चार पहिया वाहन के नए नए मॉडल उनकी बेहतरीन डिज़ाइन ,दो पहिया वाहन के आकर्षक फीचर्स, घरों में बेहतरीन अट्रैक्टिव आर्किटेक्ट डिज़ाइन, घरों के अंदर खूबसूरत इंटीरियर डिज़ाइन, बेबसाइट की डिज़ाइन आदि सभी जगह हम डिज़ाइन की आकर्षक दुनिया से रूबरू होते हैं, आज जब हर उत्पाद को फैक्ट्री से बाज़ार तक पहुंचाने के लिए गलाकाट प्रतिस्पर्धा है तब हर प्रोडक्ट में ऐसी डिज़ाइन की जाती है जो हर उपभोक्ता तक अपनी विशेष पहचान बना सके और अपने प्रोडक्ट की विशेषताओं को भी अपने आकर्षक डिज़ाइन से सही सन्देश देने में सफ़ल भी हो सके, इसी सब नए सूरज के उदय के साथ आज का युवा डिज़ाइन में कैरियर में बना रहा है ,और इन युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए विदेशों में और भारत में डिज़ाइन संबधी कई पाठ्यक्रम तैयार हुए है,यह फील्ड जबरदस्त संभावनाओं के साथ युवा पीढ़ी को असीम अवसर देता है,इसलिए युवा अब अपनी रचनात्मकता और सौंदर्य बोध के द्वारा आसमान छू सकता है।
कुशल डिज़ाइनर की ज़रूरत-------
आने वाले दो तीन वर्षों में डिज़ाइनर इंडस्ट्री में बूम आने वाला है ।
भारत में डिज़ाइनिंग उद्योग का बढ़ता प्रभाव (2025 अपडेट)
भारत का डिज़ाइनिंग उद्योग बीते कुछ वर्षों में अद्भुत गति से विकसित हुआ है। जहाँ वर्ष 2021 तक इस क्षेत्र का मूल्यांकन 200 अरब डॉलर से अधिक पहुंचने का अनुमान था, वहीं अब 2025 में यह आँकड़ा 320 अरब डॉलर के पार जा चुका है। इस प्रगति के पीछे फैशन, आर्ट, ग्राफिक्स, यूएक्स/यूआई, एनिमेशन और इंडस्ट्रियल डिज़ाइन जैसे क्षेत्रों की तेज़ी से बढ़ती माँग है।
इसी अनुपात में डिज़ाइनरों की आवश्यकता भी तेजी से बढ़ी है। वर्तमान समय में हर वर्ष भारत को डिज़ाइनिंग के विविध क्षेत्रों में एक लाख से अधिक योग्य डिज़ाइनरों की आवश्यकता पड़ रही है। परंतु चिंता की बात यह है कि डिज़ाइनिंग की पेशेवर शिक्षा पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या इस आवश्यकता के अनुपात में अभी भी बहुत कम है।
वर्ष 2020 में जहाँ केवल 7,000 प्रशिक्षित डिज़ाइनर भारत में कार्यरत थे और लगभग 5,000 छात्र डिज़ाइनिंग की पढ़ाई कर रहे थे, वहीं 2025 में यह संख्या बढ़कर क्रमशः 20,000 से अधिक डिज़ाइन प्रोफेशनल्स और 35,000 छात्र-छात्राओं तक पहुँच चुकी है। फिर भी, यह संख्याएँ इस तेजी से फैलते उद्योग की माँग को पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पा रही हैं।
भारत को एक वैश्विक डिज़ाइन हब के रूप में स्थापित करने के लिए न केवल डिज़ाइन संस्थानों की संख्या बढ़ानी होगी, बल्कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डिज़ाइनिंग शिक्षा की पहुँच को भी सुनिश्चित करना होगा। साथ ही, डिजिटल तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और ग्रीन डिज़ाइन जैसी नई अवधारणाओं के साथ डिज़ाइन शिक्षा को समन्वित करना भी ज़रूरी है।
इसका मतलब आगे आने वाले इयर्स में डिज़ाइनिंग में स्नातक और डिजाइनिंग में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों के लिए रोजगार की संभावनाएं अधिक पैदा होने वालीं हैं,डिज़ाइन संबंधी कई तरह के प्रोफेशन हैं,जहां पर चीफ डिज़ाइन ऑफिसर, चीफ क्रिएटिव ऑफिसर, मल्टीमीडिया आर्ट एंड एनिमटर्स, ऑगमण्टेड रियल्टी डिज़ाइनर, ट्रांसपोर्ट डिज़ाइनर ,फैशन डिज़ाइनर, इवेंट डिज़ाइनर, वेब डिज़ाइनर वीडियो गेम डिज़ाइनर जैसे जॉब पा सकते हैं। विभिन्न कॅरियर में विभिन्न दिलचस्प विकल्प उभर कर आये हैं जैसे परिवहन डिज़ाइन,उत्पाद डिज़ाइन,एनीमेशन डिज़ाइन ,रिटेल डिज़ाइन,म्युज़ियम डिज़ाइन, समकालीन कला,फैशन डिजाइनिंग ,फैशन मार्केटिंग को युवा वर्ग द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है।
यदि युवा डिजाइनिंग में कॅरियर बनाना चाह रहे हैं तो स्नातक और स्नातकोत्तर डिज़ाइन कोर्स में कर सकतें हैं, जो सामान्यता बारहवीं पास या स्नातक पास होने के बाद प्रतिष्ठित डिज़ाइन संस्थानों में स्नातक स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए एक एप्टीट्यूड परीक्षा पास करना पड़ता है ,यदि आप फैशन डिजाइनिंग ,औद्योगिक डिजाइनिंग , इंटीरियर डिज़ाइन , कम्युनिकेशन डिजाइनिंग ,ग्राफिक डिज़ाइन में बैचलर ऑफ़ डिजाइनिंग करना चाहते हो तो आपको किसी भी स्ट्रीम विज्ञान ,वाणिज्य,कला में इंटरमीडिएट पास होना चाहिए।
डिजाइनिंग के उभरते कैरियर को मुख्यतः चार भाग में बाँट सकते हैं।
Fashion डिज़ाइनर कैसे बने--
फैशन डिजाइनिंग कपड़ों और एक्सेसरीज पर डिज़ाइन और सौंदर्य साकार करने की एक कला है।
फैशन डिजाइनिंग का पाठ्यक्रम चमक दमक का है , हर साल फैशन बदलता है ,किसी डिज़ाइनर के बने हुए विभिन्न स्टाइल के कपड़े आमजनों में भी प्रचलित हो जाते हैं ,कुछ फ़िल्म के हिट होने पर उनके कलाकारों के पहने हुए कपड़े की स्टाइल बाज़ार आम लोंगों के बीच जल्द घूमने लगती है , फैशन की दुनिया बहुत बड़ी है दुनिया भर में अलग अलग सामाजिक मान्यताओं और संस्कृति के हिसाब से ड्रेस डिज़ाइनर नए नए फैशन बाज़ार में भेजतें रहते हैं ,मिलान (इटली),फ्लोरेंस(इटली)को दुनिया की फैशन राजधानी कहा जाता है । भारत में मुम्बई फैशन नगरी कहलाती है।
फैशन में दक्षता हासिल करने के लिए स्टूडेंट को कला का जानकार होना जरुरी है क्योंकि फैशन वास्तव में एक कला ही है ,बदलते हुए समय के साथ आम जन की नब्ज़ पहचानकर इस तरह बनाया जाता है की आम व्यक्ति को कुछ नयापन के साथ पूरी तरह संतुष्ट कर पाये ।
स्किल डेवेलप करें--
फैशन डिज़ाइनर बनने की इच्छा रखने वाले युवाओं को युवावस्था से इस तऱफ मुड़ना होता है ,और किसी भी ट्रेनिंग स्कूल में एडमिशन लेने से पहले ख़ुद की स्किल विकसित करना चाहिए जिसका सम्बन्ध फैशन से सम्बंधित है,स्टूडेंट को शुरुआत से ही सिलाई की अच्छी जानकारी हासिल करना चाहिए यानि हर तरह की सिलाई में दक्ष होना चाहिए, हर तरह के फैब्रिक की पहचान होनी चाहिए ,उस विशेष फैब्रिक को सिलते समय कौन सी परेशानियां आतीं है ,उस फैब्रिक का कपडा कैसे बनता है ,उस फैब्रिक को पहनने के बाद व्यक्ति कितना कम्फर्ट महसूस करता है, उस फैब्रिक को किस आयु वर्ग के व्यक्ति के साथ अच्छे प्रकार से फिट किया जा सकता है आदि बेसिक क्रिएटिविटी को जानना जरुरी है। यानी आप कह सकते हो कि फैशन डिज़ाइनर बनने के लिए एक स्टूडेंट को ड्राइंग ,सिलाई और डिज़ाइन स्किल में निपुण होना चाहिए, उसको हर जगह गहराई से देखने समझने में निपुण होना चाहिए, स्टूडेंट यदि रंगों के बारे में स्पष्ट जानकारी रखता है ,रंगों की जानकारी उसके अभ्यास के लिए ड्राइंग और पेंटिंग करना सीखता है ,साथ में फोटोशॉप, कोरल ड्रा जैसे डिज़ाइन जैसे सॉफ्टवेयर की जानकारी रखता है ,विभिन्न पुस्तको और पत्रिकाओं और फैशन ब्लॉग से फैशन की जानकारी हासिल करता है,तब वो अच्छा डिज़ाइनर बन सकता है।तो निश्चित ही एक स्टूडेंट एक बेहतर तरीके से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर पाता है।
योग्यता और कोर्स--
फैशन डिज़ाइनर बनने के लिए हायर सेकण्डरी यानी 12 वीं परीक्षा 50 प्रतिशत अंको से पास होना चाहिए ,तब आप बी डिज़ाइन के तीन साल कोर्स को करने के लिए योग्यता धारण करेंगे ,ये बी डिज़ाइन कोर्स सामान्यता तीन साल का होता है ,जिसमे एडमिशन पाने के लिए भारत के प्रतिष्ठित फैशन संस्थानों में एक प्रवेश परीक्षा आयोजित होती है ,इस परीक्षा में बेसिक गणित, बेसिक अंग्रेजी,और फैशन संबधी एप्टीट्यूड टेस्ट होता है ।स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए बेस्ट इंस्टिट्यूट है नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी( NIFT) और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ आर्ट एंड डिज़ाइन (NIAD) और पर्ल अकादमी है , शोफिया पालीटेकनिक मुम्बई, JD इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी मुम्बई, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिज़ाइन अहमदाबाद आदि संस्थानों पर स्टूडेंट ड्राइंग, कलर एंड कम्पोजीशन, कपड़ों को पहनने और सजाने के तरीक़े सीखता है,डिप्लोमा लेने या डिग्री लेने के बाद अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप में बेहतर प्रॉफेशनल के साथ काम करने का अवसर मिलता है और कुछ नया प्रैक्टिकल ज्ञान मिलता है साथ में उस समय नए कांटेक्ट बनते है जो बाद को काम आते हैं। डिप्लोमा या डिग्री लेने के चार प्रकार के संसथान है एक राष्ट्रीय लेवल दूसरा राज्य स्तरीय और तीसरा कई संस्थान अपना एग्जाम खुद कंडक्ट करवाते हैं। राष्ट्रीय संस्थान में NIFT का सर्वोच्च स्थान है ,NIFT साल में एक बार Exam करवाता है ये एग्जाम ऑफलाइन होता है, इसमें तीन घण्टे का एक पेपर क्रिएटिव एबिलिटी का होता है और तीन घण्टे का घण्टे का होता है तीसरा पेपर दो घण्टे का होता है जो इंग्लिश विषय का होता है ।2025 में इस परीक्षा में दो पेपर पहला जनरल एबिलिटी टेस्ट दूसरा कॉमन एबिलिटी टेस्ट होंगे ,साथ में साक्षात्कार और पर्सनल पोर्टफोलियो प्रेजेंटेशन होगा।
यहां एडमिशन लेने के लिए अलग अलग प्रकार के कोर्स चलते हैं जिनकी समयावधि चार साल की है जिसे
BDeS ,BDeS(Leather Technology),BDeS(Textile design), BDeS(Textile Designing),BDeS(Faishon communication),BTech (Apparel Production) आदि चार साल के पाठ्यक्रम है।
जॉब संभावनाएं--इन पाठक्रम को पूरा करने के बाद कैंपस प्लेसमेंट में भाग लेकर जॉब पाया जा सकता है या फ़िर कुछ समय के लिए किसी अच्छे फैशन डिज़ाइनर के साथ काम करके अपने ज्ञान और हुनर में धार दे सकते हैं फैशन की बारीकियों को और अधिक समझ सकते हो,या फिर कुछ कंपनियों में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते है कुछ कंपनियां जैसे रेमंड, proline, lifestyle,spykar, modelona Exports, pearl Global में आवेदन कर सकते है । जॉब सैलरी की बात करें तो शुरूआती सैलरी 20 हजार से 25 हजार तक शुरू होती है।
कुछ प्रसिद्ध फैशन डिज़ाइनर ----
रोहित बल,मनीष मल्होत्रा, वरुण बहल, राघवेंद्र राठौर, सव्यसांची मुखर्जी
मित्रों अब आपको सरल बिंदुवार यही बातें लिख कर दे रहा हूं।
डिज़ाइनिंग करियर के चार प्रमुख क्षेत्र
आज के युग में डिज़ाइनिंग के कैरियर को चार प्रमुख भागों में बांटा जा सकता है – फैशन डिज़ाइनिंग, इंटीरियर डिज़ाइनिंग, ग्राफ़िक डिज़ाइनिंग, और प्रोडक्ट डिज़ाइनिंग। इनमें से फैशन डिज़ाइनिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कला, सौंदर्य, परंपरा और आधुनिकता का अनोखा संगम होता है।
फैशन डिज़ाइनिंग: एक कला, एक क्रांति
फैशन डिज़ाइनिंग केवल वस्त्रों को काटने और सिलने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह समाज की मानसिकता और संस्कृति को कपड़ों के ज़रिए अभिव्यक्त करने का माध्यम है। यह एक चलायमान संसार है जहाँ हर सीज़न नया ट्रेंड लाता है। फिल्मी सितारों के कपड़े से लेकर, शादी-ब्याह के परिधान, यहां तक कि बच्चों की पोशाकों तक – हर जगह फैशन डिज़ाइनिंग की छाप होती है।
2025 में फैशन उद्योग:
ग्लोबल फैशन इंडस्ट्री का साइज 2024 के अंत तक 1.7 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया है। भारत में यह क्षेत्र 2025 तक लगभग 12% की वार्षिक वृद्धि दर से आगे बढ़ रहा है।
कौन बनेगा फैशन डिज़ाइनर?
फैशन डिज़ाइनर बनने के लिए एक गहरी कलात्मक दृष्टि होनी चाहिए। केवल सुंदर कपड़े देखना काफी नहीं, उनके पीछे की सोच और उपयोगिता को समझना भी ज़रूरी है। एक अच्छा फैशन डिज़ाइनर न केवल कपड़े बनाता है बल्कि एक संपूर्ण अनुभव रचता है।
स्किल डेवलपमेंट: सफलता की पहली सीढ़ी
✔️ रचनात्मकता (Creativity)
कपड़ों की कल्पना करना, रंगों का चयन, कट्स और फॉल्स का अंदाज़ा लगाना — यह सब एक रचनात्मक सोच का हिस्सा है।
✔️ तकनीकी ज्ञान
2025 में डिज़ाइनर बनने के लिए Adobe Illustrator, Photoshop, CLO 3D, और TUKAcad जैसे डिज़ाइन सॉफ्टवेयर का ज्ञान होना अनिवार्य है। CLO 3D अब विशेष रूप से फैशन इंडस्ट्री में प्रोटोटाइप डिज़ाइन के लिए ट्रेंडिंग टूल बन चुका है।
✔️ फैब्रिक की समझ
हर कपड़े की अपनी खासियत होती है। डिज़ाइनर को यह पता होना चाहिए कि कौन-सा फैब्रिक किस सीज़न, उम्र और अवसर के लिए उपयुक्त होगा।
शैक्षणिक योग्यता और कोर्स विकल्प
न्यूनतम योग्यता:
12वीं पास (50% अंकों के साथ) होना आवश्यक है। इसके बाद विभिन्न कोर्सेज़ किए जा सकते हैं:
प्रमुख पाठ्यक्रम:
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B.Des (Bachelor of Design) - 4 वर्ष
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Diploma in Fashion Design - 1 या 2 वर्ष
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M.Des या PG Diploma - स्नातक के बाद
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Short-term Certificate Courses - 6 महीने से 1 वर्ष
प्रमुख संस्थान:
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NIFT (National Institute of Fashion Technology)
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NID (National Institute of Design)
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Pearl Academy
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FDDI (Footwear Design & Development Institute)
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Symbiosis Institute of Design
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UID (Unitedworld Institute of Design)
NIFT 2025 अपडेट:
2025 में NIFT की प्रवेश परीक्षा में सिर्फ दो चरण रखे गए हैं – GAT (General Ability Test) और CAT (Creative Ability Test)। साथ ही इंटरव्यू और पर्सनल पोर्टफोलियो प्रेजेंटेशन की भी बड़ी भूमिका हो गई है।
एक बेहतर फैशन डिज़ाइनर बनने के लिए अतिरिक्त सुझाव
🎨 पोर्टफोलियो बनाना शुरू करें
अपनी ड्रॉइंग, स्केच और डिजिटल डिज़ाइनों का एक पोर्टफोलियो बनाइए। यह प्रवेश परीक्षा से लेकर नौकरी तक में काम आता है।
🧵 स्थानीय दर्जी से अनुभव लें
क्लास शुरू होने से पहले ही स्थानीय टेलर के साथ कुछ महीनों की ट्रेनिंग लें। इससे आप बुनियादी सिलाई में निपुण हो जाएंगे।
🌍 फैशन वर्ल्ड से जुड़े रहें
फैशन वीक (India, Paris, Milan), फैशन ब्लॉग्स (Vogue, Fashionista), और यूट्यूब चैनल्स (Justine Leconte, Tan France) से लगातार अपडेट रहें।
💡 सोशल मीडिया का उपयोग
इंस्टाग्राम और Pinterest पर अपना डिज़ाइन पेज बनाइए, जिससे दुनिया आपके काम को देख सके।
करियर की संभावनाएँ और भविष्य
नौकरी के अवसर:
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फैशन ब्रांड्स (Raymond, FabIndia, Zara, Biba)
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फिल्म और टीवी इंडस्ट्री
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फैशन ब्लॉगिंग और यूट्यूब चैनल
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ईकॉमर्स कंपनियाँ (Myntra, Ajio, Amazon Fashion)
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फ्रीलांसिंग और खुद का ब्रांड
सैलरी (2025 अपडेट):
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फ्रेशर: ₹25,000 - ₹35,000/माह
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3–5 साल अनुभव: ₹50,000 – ₹1 लाख/माह
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फ्रीलांसर: प्रोजेक्ट के आधार पर ₹5,000 – ₹1 लाख प्रति डिज़ाइन तक
प्रसिद्ध फैशन डिज़ाइनर्स (2025 तक)
निष्कर्ष: एक कला जिसे ज़माना सलाम करता है
फैशन डिज़ाइनिंग अब सिर्फ एक प्रोफेशन नहीं बल्कि ग्लोबल इम्पैक्ट वाला करियर बन चुका है। यदि आपके अंदर कुछ नया रचने की कला, कपड़ों को लेकर संवेदनशील दृष्टिकोण और कठिन परिश्रम करने की लगन है, तो फैशन डिज़ाइनिंग की दुनिया आपके स्वागत के लिए तैयार है। इस क्षेत्र में सफलता का रास्ता आपकी कल्पना, समर्पण और नवीनीकरण की भावना से होकर गुजरता है।
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